यूपी: यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में विकसित होने वाली फिल्म सिटी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। यमुना प्राधिकरण ने डीपीआर शासन को भेज दी है। शासन से अनुमति के बाद इसके लिए ग्लोबल टेंडर (वैश्विक निविदा) निकाले जाएंगे। नवंबर में फिल्म सिटी की नींव रखी जाएगी। लक्ष्य रखा गया है कि 2024 में जेवर एयरपोर्ट के साथ यहां शूटिंग शुरू हो जाए।
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-21 में एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी बनाई जाएगी। इसमें 780 एकड़ में फिल्म सिटी व 220 एकड़ में वाणिज्यिक गतिविधियां विकसित की जाएंगी। शासन ने फिल्म सिटी के विकास के लिए यमुना प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया था। यमुना प्राधिकरण ने इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी इसी साल आठ जनवरी को सीबीआरई कंपनी को दी थी।
कंपनी ने डीपीआर बनाते समय देश-विदेश की फिल्म सिटी का अध्ययन किया ताकि कोई पहलू छूट ना जाए। कंपनी ने आयरलैंड की फिल्म सिटी और हैदराबाद की रामोजी फिल्म स्टूडियो का भी अध्ययन किया। इसमें मथुरा-वृंदावन की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत का भी अध्ययन किया है। कंपनी ने मंगलवार ने यह रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दी। प्राधिकरण ने यह रिपोर्ट मंगलवार शाम को शासन को भेज दी है।
अक्तूबर तक विकासकर्ता कंपनी का चयन हो जाएगा
यमुना प्राधिकरण शासन की अनुमति मिलने के बाद आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) तैयार करवाएगा। यह काम सीबीआरई कंपनी करेगी। यही कंपनी ग्लोबल टेंडर जारी करेगी। इसके जरिये विकासकर्ता कंपनी का चयन किया जाएगा। अक्तूबर तक विकासकर्ता का चयन हो जाएगा और नवंबर में निर्माण कार्य शुरू कराने का लक्ष्य तय किया गया है।
दो चरणों में विकसित होगी
फिल्म सिटी दो चरणों में विकसित करने की तैयारी है। इसका पहला चरण 2024 में जेवर एयरपोर्ट के साथ शुरू करने का लक्ष्य है। यहां पर विश्वस्तरीय फिल्म स्टूडियो, फिल्म इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे। ओपन एरिया होगा। यहां शूटिंग के लिए बस अड्डा, रेलवे स्टेशन व रनवे बनाया जाएगा।
पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की तैयारी
फिल्म सिटी को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाना है। यह पूरी परियोजना 6000 करोड़ रुपए से अधिक में मूर्त रूप लेगी। रिपोर्ट बताती है कि इस योजना से पैसा वापस निकालने में 40 से 60 वर्ष तक का समय लग सकता है। इसलिए विकासकर्ता कंपनी को 40 से 60 साल के बीच का समय दिया जाएगा। ताकि विकासकर्ता कंपनी अपनी लागत निकाल सके। इसमें यमुना प्राधिकरण को भी पैसा मिलेगा।
तीन मॉडल सुझाए
फिल्म सिटी की रिपोर्ट बनाने वाली कंपनी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट में तीन मॉडल सुझाए हैं। इससे होने वाली आमदनी में यमुना प्राधिकरण व राज्य सरकार को हिस्सा देगी। पहला मॉडल यह है कि विकासकर्ता कंपनी एक निश्चित किराया प्राधिकरण को हर साल दे। दूसरे मॉडल में बताया गया है कि परियोजना से होने वाली आमदनी में हिस्सेदारी तय हो। तीसरा मॉडल को हाइब्रिड मॉडल बताया गया है। इसमें वार्षिक किराया और आमदनी में हिस्सेदारी दोनों को रखा गया है।
हर सुविधा होगी यहां पर
फिल्म सिटी में नवीनतम सुविधाएं विकसित की जाएंगी। अगर यहां पर कोई फिल्म की शूटिंग के लिए आता है तो उसके सारे काम यहां पर होंगे। शूटिंग के लिए साइट, मिक्सिंग, रिकॉर्डिंग समेत सारी सुविधाएं रहेंगी। यहां पर एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा। इसमें बॉलीवुड के इतिहास को दिखाया जाएगा।
कितने क्षेत्र में क्या गतिविधि होगी
एम्यूजमेंट पार्क-120 एकड़
व्यावसायिक-40 एकड़
रिटेल-34 एकड़
होटल रेस्टोरेंट- 21 एकड़
फिल्म फैसिलिटी-740 एकड़
आवासीय-40 एकड़
फिल्म इंस्टीट्यूट-40 एकड़
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, 'सीबीआरई कंपनी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ग्लोबल टेंडर निकाले जाएंगे। यह प्रक्रिया अक्तूबर तक पूरा हो जाएगी।'
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