पर्वतीय क्षेत्र में बीते तीन दिन से हो रही झमाझम बारिश से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। मंगलवार को तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगा चेतावनी के निशान को छूकर बही। बाढ़ की आंशका से तटीय क्षेत्र में बसे लोग सहमे हुए हैं। पहाड़ में लगातार बारिश हो रही है। इसका असर गंगा के जलस्तर पर पड़ने लगा है। एक दिन पहले सोमवार को गंगा के जलस्तर में 20.80 मीटर का उछाल दर्ज किया गया था। देर रात से पर्वतीय क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से मंगलवार को गंगा उफान पर रही। नावघाट, त्रिवेणीघाट में सीढ़िया पानी में डूबी और पक्का प्लेटफार्म जलमग्न दिखाई दिया। जलस्तर बढ़ने के बाद भी त्रिवेणीघाट में श्रद्धालुओं की आमद बनी रही। बीते दो दिन से गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्र की आबादी बाढ़ की संभावना के चलते दहशत में है।
तटीय इलाके चंद्रभागा, बंगालीबस्ती, चंद्रेश्वरनगर आदि क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए जल पुलिस और राज्य आपदा प्रबंधन की टीम अलर्ट पर रही। देर शाम गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से महज 1 मीटर नीचे था। केंद्रीय जल आयोग के डब्ल्यूएस देवेंद्र शर्मा ने बताया कि गंगा का वार्निंग लेवल 339.50 मीटर है। मंगलवार दोपहर जलस्तर चेतावनी निशान के करीब होकर बहा। लेकिन दोपहर बाद जलस्तर घटकर 338.50 मीटर रहा, जो खतरे के निशान से एक मीटर नीचे हैं।
बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त
तीर्थनगरी ऋषिकेश में देर रात से रुक-रुककर हो रही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। शहर में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से कई सड़कें जलमग्न हो गई। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत हुई। स्थानीय लोगों ने जलभराव की समस्या पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी दो घंटे की बारिश में यह हाल है। लगातार बारिश होने से क्या स्थिति होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं, तटीय इलाकों में बारिश का पानी घुसने से लोगों को खासी परेशानी हुई।
तापमान गिरने से गर्मी से राहत
ऋषिकेश। देर रात से हो रही रिमझिम बारिश से दोपहर तक ऋषिकेश का तापमान लुढ़क गया। तापमान में गिरावट के चलते तन को झुलसाने वाली गर्मी से लोगों को राहत मिली। मंगलवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा।
फोटो कैप्शन 14 आरएसके 03 :: पर्वतीय क्षेत्र में हो रही बारिश से त्रिवेणीघाट पर प्लेटफार्म तक पहुंची गंगा की जलधारा।
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