आईपीएस राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर का कार्यभार संभाला, सीबीआई में रहते हुए थे चर्चित


भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के गुजरात कैडर के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना ने बुधवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त का पदभार संभाल लिया। मध्य दिल्ली के जय सिंह मार्ग पर स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर अस्थाना को पुलिस बल ने रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत अस्थाना को तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाया था।

अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है। उनका कार्यकाल एक साल का होगा। इस तरह के बहुत कम उदाहरण हैं जब अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर से बाहर के किसी आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो।

1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में विशेष निदेशक रह चुके हैं। सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान उनका तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ विवाद हो गया था। इसमें दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। दिलचस्प है कि वर्मा सीबीआई निदेशक बनने से पहले दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे। जून के अंत में पुलिस आयुक्त पद से एसएन श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव को पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

आईपीएस बनने से पहले टीचर थे

दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्त आईपीएस राकेश अस्थाना ने बिहार के चर्चित चारा घोटाले में राजद नेता लालू यादव से पूछताछ करने वाले अफसर के रूप में पहचान बनाई थी। गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना तब महज 35 साल के थे। 

झारखंड के नेतरहाट स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अस्थाना ने गोधरा कांड की भी जांच की थी। इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी ने भी सही माना था। अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा भी राकेश को ही दिया गया था। महज 22 दिनों में ही ये केस सुलझ लिया गया था। 

1961 में रांची में जन्मे राकेश ने दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में इतिहास पढ़ाना शुरू किया। 1984 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गए।

इन केस से हुए चर्चित

1. साल 2014 में आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण के मामले में भी अस्थाना ने जांच की थी। फरार चल रहे नारायण सांई को हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पकड़ा गया।
2. अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते पकड़ा था। उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का यह पहला मामला था, जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआई गिरफ्त में आये थे।
3. 1994 में उन्होंने सनसनीखेज पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस की फील्ड इंवेस्टिगेशन सुपरवाइज की थी।

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