भागीरथी प्रयास -7 हजार से अधिक संक्रमित मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज हुआ
भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल और उसके मेडिकल स्टाफ ने कोरोना की दूसरी लहर में लोगों के लिए समर्पण की नई इबारत लिखी है यहां पर 7 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज किया गया। आज हमीदिया में कोरोना वार्ड पूरी तरह से खाली है और कोई भी कोरोना संक्रमण का मरीज भर्ती नहीं है। कोरोना बीमारी के इलाज में लगातार नर्स, डॉक्टर, सफाई कर्मी और पूरा स्टॉफ अपनी जान की सुरक्षा की परवाह किए बिना लगातार काम करता रहा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया।
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेंद्र दवे ने बताया कि भोपाल में 90 प्रतिशत मरीज क्रिटिकल मेडिकल कंडीशन में लाए गए थे यहाँ पर आने वाले मरीजों में बहुत सारे ऐसे थे जिन्हें दूसरे निजी अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया था। इसके साथ ही दूसरे जिले के रिफर मरीजों को भी एडमिट किया गया था। कई दिनों तक निजी अस्पतालों में इलाज करने के बाद उनका इलाज करने से मना कर दिया गया था। ऐसे मरीजों की संख्या भी बहुत अधिक थी यह सभी गंभीर स्थिति में लाए गए थे। भोपाल में हमने लोगों को भरोसा दिलाया उस भरोसे के दम पर आज हमीदिया अस्पताल में कोई भी संक्रमित मरीज भर्ती नही है और संख्या जीरो पर आ गई है और हम सब के लिए एक विशेष उपलब्धि है।
99 फीसदी मरीजो की जान बचाई
डॉ. दवे ने बताया कि 99 प्रतिशत मरीजों को हमने पूरी तरह स्वस्थ करके घर भेजा है। हमीदिया अस्पताल में सबसे लंबे समय तक एक मरीज जो बरेली के रेजिडेंट डॉक्टर है,इनके 95 प्रतिशत तक लंग्स खराब हो चुके थे और कोरोना संक्रमण बहुत अधिक फैला हुआ था। डेढ़ महीने तक इलाज चला है। इसी समय विदिशा मेडिकल कालेज के एक स्टूडेंट भी डेढ़ माह से अधिक तक भर्ती रहे हैं और पैरामेडिकल स्टॉफ की नर्स इलाज करते हुए संक्रमित हो गई थी उसका भी दो माह तक इलाज चला लगभग 95 प्रतिशत तक लग्स प्रभावित हुए थे। आखिरी मरीज के रूप में दो दिन पहले वह भी स्वस्थ होकर घर चली गई। डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ ने इनको भी अपनी लगन और मेहनत से बचाया और पूरी तरह स्वस्थ करके घर तक पहुंचाया है।
हमीदिया के डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ लगातार अपनी सेवा में लगा रहा। सभी ने कभी- कभी 3 शिफ्टो में भी काम किया है। कोरोना संक्रमण काल में मरीजों की नई-नई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही थी उनमें हर मरीज की अपनी - अपनी समस्या थी इन समस्याओं से निपटने के लिए हमें अलग प्रकार के स्टडी मॉडल को तैयार करना पड़ा और मरीज की समस्याओं को देखते हुए उसको उस प्रकार के इलाज की व्यवस्था की गई। कोरोना के लगातार बढ़ते मरीज भी एक चुनौती बनी हुई थी। ऑक्सीजन की कमी ना हो इसके लिए भी मुख्यमंत्री जी द्वारा लगातार संपर्क स्थापित किया गया। जिला-प्रशासन और संभागायुक्त के निर्देशन में बेहतर से और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहे हैं। सीमित संसाधनों के बाद भी हमीदिया अस्पताल ने बेहतर परिणाम दिए और 99 प्रतिशत मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ किया और अन्य लोगों ने भी लगातार मरीजों की सेवा में दिन-रात एक किया।
मरीजों के परिजनों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं कराई गई। हमीदिया अस्पताल में अब कोरोना संक्रमण का कोई मरीज नहीं है, यह हम सब के लिए उपलब्धि है। उस भीषण काल में जब कोरोना अपने पीक पर था हर जगह बिस्तरों की मारामारी हो रही थी। उस परिस्थितियों में भी हमने समन्वय, शांत रहते हुए काम किया और अधिक से अधिक लोगों को ग्रेडिंग के हिसाब से व्यवस्थित कर उनको ऑक्सीजन, वेंटिलेटर साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं।
तीसरी लहर के लिए हमीदिया तैयार
डॉ. दवे ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए हमने अभी से कमर कस ली है। स्टाफ मेडिकल, डॉक्टर्स इन लोगों को विशेष प्रशिक्षण और मनोचिकित्सक के साथ काम करने के लिए तैयार किया है, इसके साथ ही अस्पताल में बिस्तर की संख्या बढ़ाई गई है, ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता में वृद्धि की गई हैं। ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है, जिससे यहाँ पर 500 मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन की 24 घंटे उपलब्ध बनी रहेगी। इसके साथ-साथ आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता के लिए भी अभी से आर्डर कर दिए गए हैं जिससे कि यदि कोई गंभीर समस्या होती है तो उसका तुरंत इलाज संभव हो सके।
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