ऑस्ट्रेलिया के पीएम को देशवासियों से माफी क्यों मांगनी पड़ी?


ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने 22 जुलाई को देशवासियों से कोरोना वायरस के धीमे टीकाकरण के लिए माफी मांगी है। ऑस्ट्रेलिया में पिछले दो हफ़्तों से कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सिडनी जैसे शहरों में कोरोना का प्रकोप फिर से बढ़ता जा रहा है।

मीडिया से बात करते हुए पीएम मॉरिसन ने कहा है कि, मुझे खेद है कि हम इस साल की शुरुआत में उम्मीद के मुताबिक़ काम नहीं कर सके। उन्होंने आगे कहा कि मैं टीकाकरण कार्यक्रम की जिम्मेदारी लेता हूं। मैं उन चुनौतियों की भी जिम्मेदारी लेता हूं जो हमें मिली हैं। कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होती हैं।

स्कॉट मॉरिसन पर टीकाकरण की दर में सुधार करने को भारी दबाव है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया हर दिन औसतन 1.5 लाख कोरोना के टीके लगा जा रहा है जो कि कम है। ऑस्ट्रेलिया अब तक सिर्फ 11 फीसद लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर चुका है। विकसित देशों की बात करें तो टीकाकरण के मामले में ऑस्ट्रेलिया सबसे पीछे चल रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के दो सबसे बड़े राज्य न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया में संक्रमण दर में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सिडनी में 26 जून से लॉकडाउन और यह कम से कम 30 जुलाई तक लागू रहेगी। विक्टोरिया भी करीब दो सप्ताह के लॉकडाउन में है। न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर ग्लेडिस बेरेजिकेलियन ने कहा है कि अगर हम कुछ हफ्ते पहले लॉकडाउन में नहीं गए होते, तो आज संक्रमण संख्या 110 के बजाए हजारों में होती।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा है कि वह 2021 के अंत तक अपनी बालिग आबादी का टीकाकरण करने के अपने लक्ष्य को पूरा करेगी। ऑस्ट्रेलियाई को आने वाले हफ्तों में मॉडर्ना और फाइजर से लाखों कोरोना वैक्सीन की खुराक आने की उम्मीद है। इसके उलट स्वास्थ्य अधिकारियों की शिकायत है कि मौजूदा वक्त में ऑस्ट्रेलिया प्रमुख रूप से सिर्फ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ है। जबकि 2021 के आख़िरी से बहुत पहले फाइजर वैक्सीन की बड़ी आपूर्ति मिलने की उम्मीद नहीं है।

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