कर्नाटक के सीएम पद से बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी कैबिनेट में ही बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी की सेंट्रल लीडरशिप कर्नाटक में येदियुरप्पा के साथ ही कई सीनियर मंत्रियों को भी हटाना चाहती है। इसके जरिए पार्टी की यह रणनीति है कि येदियुरप्पा के साथ ही उन मंत्रियों को हटा दिया जाए, जो विवादों में घिरे रहे हैं या फिर जनाधार कमजोर है। इसके अलावा राज्य में तीन उपमुख्यमंत्रियों, गोविंद काराजोल, अश्वथ नारायण और लक्ष्मण संगप्पा सावदी, में से किन्हीं दो को हटाया जा सकता है। इसके अलावा जनजाति समुदाय से आने वाले किसी विधायक को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाया जा सकता है।
एक दर्जन विधायकों के सामने खड़ा हुआ भविष्य का संकट
बीजेपी लीडरशिप की मंशा को देखते हुए कर्नाटक में येदियुरप्पा के समर्थक उन विधायकों के सामने भविष्य का संकट खड़ा हो गया है, जो दूसरे दलों से बीजेपी में आए थे। येदियुरप्पा खेमे के माने जाने वाले इन विधायकों के बीच हलचल तेज हो गई है। ऐसे करीब 12 विधायक हैं, जो बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए पार्टी में शामिल हुए थे। अब इन्हें आगामी चुनाव में टिकट न मिलने और पार्टी में किनारे लगाए जाने का डर सता रहा है। बता दें कि बीएस येदियुरप्पा भले ही राज्य में बीजेपी के करिश्माई नेता माने जाते रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ बीते कुछ महीनों से पार्टी के भीतर ही आवाज तेज हो गई थी।
बीएल संतोष, प्रहलाद जोशी का नाम भी है सीएम की रेस में
अब यदि येदियुरप्पा के विकल्प की बात करें तो बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, महासचिव सीटी रवि, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार समेत कई नेता रेस में बताए जा रहे हैं। हालांकि इस पर कोई भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है। इस बीच सेंट्रल लीडरशिप की ओर से अरुण सिंह और धर्मेंद्र प्रधान को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो जल्दी ही बेंगलुरु का दौरा करेंगे और नए सीएम को चुनने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी की ओर से अन्य राज्यों की तरह ही कर्नाटक में भी चौंकाने वाला फैसला हो सकता है और किसी नए फेस को ही सीएम बनाया जा सकता है।
सदानंद गौड़ा और विधानसभा स्पीकर का नाम भी है चर्चा में
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट से हटाए गए सदानंद गौड़ा का नाम भी सीएम की रेस में लिया जा रहा है। जातिगत समीकरण की बात करें तो प्रहलाद जोशी और बीएल संतोष ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, जबकि सीटी रवि वोक्कालिगा समुदाय से हैं। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय से हैं। इस समुदाय की बड़ी आबादी दक्षिण कर्नाटक में है, जहां बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने का काम कर रही है। इसके अलावा असेंबली स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी भी रेस में बताए जा रहे हैं। वह भी ब्राह्मण समुदाय से ही आते हैं। बता दें कि 1988 में रामकृष्ण हेगड़े के बाद से कोई ब्राह्मण सीएम नहीं बना है।
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