दरअसल, परिवहन मंत्रालय ने ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों (ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स) को मान्यता देने के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है। जहां उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता वाले ड्राइविंग पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे, और एक बार परीक्षण पास हो जाने के बाद, उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के समय ड्राइविंग परीक्षण से छूट दी जाएगी।
हल्के वाहन (LMV) की ड्राइविंग सीखने में लगेगा इतना समय:
मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस अधिसूचना में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों में हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग पाठ्यक्रम की अवधि कोर्स शुरू होने की तारीख से अधिकतम 4 सप्ताह की अवधि में 29 घंटे है। यानी कि आवेदक को ड्राइविंग कोर्स शुरु होने की घोषणा के बाद अधिकतम 4 सप्ताह में ड्राइविंग सीखना होगा। ये भी बताया गया है कि, इस कोर्स में थ्योरी और प्रैक्टिस दोनों शामिल होगा।
वहीं हैवी मोटर व्हीकल यानी कि भारी वाहनों की ड्राइविं सीखने के लिए मंत्रालय द्वारा समय सीमा थोड़ी ज्यादा दी गई है। इस अधिसूचना के अनुसार मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों में मध्यम और भारी मोटर वाहन ड्राइविंग पाठ्यक्रम की अवधि छह सप्ताह की अवधि में 38 घंटे है। इस कोर्स को भी प्रैक्टिकल और थ्योरी में विभाजित किया गया है। इसके अलावा ड्राइवरों को अन्य सड़क सबंधित जरूरी नियमों के साथ ही नैतिक और विनम्र व्यवहार के बारे में कुछ बुनियादी पहलू भी सिखाए जाएंगे।
ये मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर्स न केवल हल्के और भारी वाहनों की ड्राइविंग की ट्रेनिंग देंगे, बल्कि इन्हें किसी इंडस्ट्री से संबंधित वाहनों का भी प्रशिक्षण देने की अनुमति होगी। दरअसल, सरकार का मानना है कि ये नए नियम कुशल ड्राइवरों की कमी को भी पूरा करेंगे। सक्षम ड्राइवरों की कमी इंडियन रोड्स पर भारी मात्रा में देखने को मिलती है और ये इस क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों में से एक है।
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