रिपोर्ट के अनुसार, सौम्या अग्रवालअमेरिका के एक क्लब में भी ट्रेनिंग देंगी. इसके साथ ही वे साइकोलॉजी की पढ़ाई भी करेंगी. मालूम हो कि सौम्या की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने 2016 में एकलव्य अवॉर्ड से सम्मानित किया था. सौम्या ने 10 साल की उम्र से जंप रोप सीखा.
डेलावेयर यूनिवर्सिटी ने बनाया यूनिवर्सिटी का ब्रांड एम्बेसडर
यही नहीं सौम्या के खेल की उपलब्धि देखते हुए डेलावेयर यूनिवर्सिटी ने उन्हें यूनिवर्सिटी का ब्रांड एम्बेसडर भी चुना है. सौम्या को डेलावेयर यूनिवर्सिटी ने 15 हजार 500 यूएस डॉलर यानी करीब 11 लाख रुपए की स्कॉलरशिप भी दी है. सौम्या का नाम एक मिनट में सबसे ज्यादा जॉगिंग के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था.
एक मीडिया रिपोर्ट में सौम्या ने कहा कि भारत में भी उन्होंने कई यूनिवर्सिटी में प्रयास किया लेकिन यहां सिर्फ 14 खेलों को महत्व दिया जाता है. इस कारण उनके मेडल और उपलब्धि काम नहीं आई, लेकिन अब अमेरिका में उन्हें यूनिवर्सिटी का ब्रांड एम्बेसडर बनाने के साथ स्कॉलरशिप भी मिली है.
अंरतरराष्ट्रीय स्तर पर कई गोल्ड मेडल जीत चुकीं है सौम्या
सौम्या के कोच मुकुंद झाला ने एक बयान में कहा कि बिना कोर्ट के गार्डन में प्रैक्टिस करने वाली सौम्या ने इंटरनेशनल लेवल पर कई गोल्ड मेडल जीते हैं. सौम्या ने कोरिया, चाइना, पुर्तगाल, पेरिस, नॉर्वे, भूटान, नेपाल, साउथ कोरिया में वर्ल्ड जंप रोप चैम्पियनशिप में 5 गोल्ड, 5 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज मेडल जीत कर अपना लोहा मनवाया है. साथ ही देश का नाम रोशन किया है.मुकुंद झाला 9 साल की उम्र से सौम्या के कोच रहे हैं.
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