अधिकारी ने बताया, ‘मध्य प्रदेश से एक पुलिस दल और उसका छोटा भाई वीर सिंह उसे घर लेकर गए. सागर जिले के प्रह्लाद मानसिक रूप से अस्थिर है और जब उनके घर से लापता होने की सूचना मिली थी. उस समय उनकी उम्र 30 साल थी.
भाई ने कहा जेल में बहुत प्रताड़ित किया गया है, ठीक से नहीं बोल पाते
प्रह्लाद जब अचानक ही घर से लापता हो गया तो किसी को नहीं पता था वो कहा है. कुछ साल बाद अचानक उनके परिवार को एक अखबार के जरिए पता चला कि वो पाकिस्तान में जेल में बंद है. प्रह्लाद के छोटे भाई वीर सिंह ने कहा, हमें नहीं पता कि वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे. वो मानसिक रूप से अस्थिर हैं और वो अक्सर बिना बताए घर से निकल जाते थे. वीर सिंह ने बताया कि 1998 में प्रह्लाद बगैर बताए चले गए थे. उस दौरान उनका इलाज चल रहा था, काफी तलाश करने के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया था.
2014 में जब पुलिस उनके घर प्रह्लाद की जानकारी लेने आई तो पता चला कि वो पाकिस्तान की जेल में बंद है. इसके बाद उन्हें वापस लाने के लिए प्रयास शुरू किए गए. उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया है. वो ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं.
गांव में खुशी का माहौल
प्रह्लाद सिंह की रिहाई और भारत लौटने की खबर से सागर जिले के देवरी तहसील के उनके गांव घोषी पट्टी में खुशी का माहौल है. प्रह्लाद के चार भाई हैं. उसमें से एक बड़े भाई और मां का निधन हो गया है. तीन भाई गांव में ही रहते हैं. छोटे भाई वीर सिंह बेहद खुश और उन्हें लेने अटारी सीमा पर भी गए थे.
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