दरअसल राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री रहे थावरचंद गहलोत (Thawarchand Gehlot) को राज्यपाल बनाए जाने से एक सीट खाली हुई है, जिस पर अब उप चुनाव होना है. कांग्रेस का कहना है थावरचंद गहलोत क्योंकि अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और उनके इस्तीफे के कारण से ही ये सीट रिक्त हुई है, लिहाजा बीजेपी अब जो भी उम्मीदवार मैदान में खड़ा करे वो अनुसूचित जाति वर्ग से होना चाहिए (SC Candidate).
इन नामों की चल रही है चर्चा
इस सीट पर होने वाले उप-चुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. बीजेपी के कोटे से कई नामों की चर्चा चल रही है. जिसमें अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह (Lal Singh), कैलाश विजयवर्गीय (Kailash vijayvargiya), पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, सत्यनारायण जटिया आदि का नाम शामिल है.
किसी बाहरी को भी मिल सकता है मौका
कहा ये भी जा रहा है कि इनमें से किसी एक नेता पर राज्य में सहमति नहीं बनी, तो हो सकता है प्रदेश के बाहर के किसी नेता को बीजेपी मौका दे सकती है. निर्वाचन आयोग (Election commission) ने राज्यसभा के निर्वाचन के लिए विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह को निर्वाचन अधिकारी और अपर सचिव बीडी सिंह को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है.
10 में से 7 सीटों पर BJP का कब्जा
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं. वर्तमान में राज्य की राज्यसभा सीटों पर गौर करें तो 10 सीटों में से सात पर भाजपा के सदस्य हैं तो वहीं तीन स्थानों पर कांग्रेस के सदस्यों का कब्जा है. अब जो चुनाव होना है वह एक सीट के लिए होना है. संभावना इस बात की जताई जा रही है कि उप चुनाव निर्विरोध होगा और बीजेपी का उम्मीदवार जीत दर्ज कर सकेगा, ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस को उप-चुनाव में किसी भी तरह का राजनीति लाभ नजर नहीं आ रहा है.
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