अब हर यूनिवर्सिटी को लेना होगा एक गांव गोद, स्टूडेंट्स देंगे सरकारी योजनाओं की जानकारी


मध्यप्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग (Madhya Pradesh Higher Education Department) एक नई पहल करने जा रहा है. अब प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय (University) अपने कार्य क्षेत्र के कम से कम एक गांव को गोद लेंगे. प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि इससे स्टूडेंट्स में न सिर्फ समाज-सेवा की भावना पैदा होगी, बल्कि शहरी क्षेत्र के विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश और जीवन शैली से रूबरू होंगे. वहीं जिस गांव को कॉलेज गोद लेगा उसे सरकार की योजनाओं की जानकारी देना उस कॉलेज के स्टूडेंट्स का काम होगा.

इसी के ही साथ गांवो को गोद लेने वाली संस्था विद्यार्थियों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाएगी. हर स्टूडेंट गोद लिए गए गांव में एक पौधा लगाएगा और उसकी देखभाल भी करेगा. मंत्रालय में शिक्षा विभाग की अहम बैठक में मंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के 50 शासकीय महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जाएगा. इसमें हर विश्व विद्यालय में कृषि विभाग शुरू करने की भी तैयारी है. आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश की युनिवर्सिटीज के नाम बदलने को लेकर भी अलग से कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

कुलपति को कहा जाएगा अब कुलगुरु

प्रदेश में यूनिवर्सिटीज के कुलपति पदनाम को बदलकर कुलगुरु करने पर भी विचार किया जा रहा है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि जिला कलेक्टर को हिंदी में जिलाधीश कहा जाता था, यह शब्द एक राजा की तरह लगता था, उन्होंने कहा कि यदि हम कुलगुरु कहते हैं तो यह कुलपति से अधिक अपना लगता है. उन्होंने कहा कि उनका विभाग कुलपति का नाम हिंदी में बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है.

प्रदेश इतने सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालय हो रहे हैं संचालित

बता दें कि उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट के अनुसार मध्यप्रदेश में आठ पारंपरिक विश्वविद्यालय हैं. इसके अलावा एक अलग अधिनियम के तहत और अन्य विभागों द्वारा 17 विश्वविद्यालय (पत्रकारिता, इंजीनियरिंग और खुले पाठ्यक्रमों सहित) स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अनुसार राज्य में 32 निजी विश्वविद्यालय भी चलाए जा रहे हैं. वहीं प्रदेश में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय भी हैं. 

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