इस साल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ की बाढ़ सी आ गई है। बीते कुछ महीनों में 2 दर्जन से ज्यादा कंपनियों के आईपीओ आ चुके हैं। कुछ आईपीओ से निवेशकों का पैसा डबल या ट्रिपल हो गया तो कुछेक ने नुकसान भी पहुंचाया है। अब केंद्र सरकार एक आईपीओ लेकर आ रही है। ये आईपीओ सार्वजनिक क्षेत्र की निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) की है।
ईसीजीसी का गठन क्यों हुआ था: ईसीजीसी का गठन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। इसके तहत कॉमर्शियल और पॉलीटिकल कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा भुगतान नहीं होने की स्थिति में निर्यातकों को कर्ज बीमा सेवाएं मुहैया कराया जाता है। यह कर्ज लेने वाले निर्यातकों के मामले में जोखिम से बचाव को लेकर बैंकों को भी बीमा प्रदान करती है। ईसीजीसी में पूंजी डाले जाने से कंपनी निर्यात उन्मुख उद्योग खासकर श्रम गहन क्षेत्रों में अपना दायरा बढ़ा सकेगी। देश में निर्यात ऋण बीमा बाजार में 85 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ ईसीजीसी सबसे आगे है।
निर्यात योजना को लेकर ये फैसला: पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में 21 सितंबर, 2021 तक निर्यात 185 अरब डॉलर का था। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना जारी रखने और पांच साल में सहायता अनुदान के रूप में 1,650 करोड़ रुपये लगाये जाने को भी मंजूरी दी। एनईआईए में पूंजी डालने से उन बाजारों में परियोजना निर्यात की क्षमता के उपयोग में मदद मिलेगी, जहां ध्यान दिया जा रहा है।
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