बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में एक परिवार का पर्यावरण प्रेम चर्चा में है क्योंकि इस परिवार ने आम के पौधे को नुकसान पहुंचाए बिना दो मंजिला मकान खड़ा किया है। उसके तने को जगह देने के लिए छत को इस तरह आकार दिया कि पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचे और आज दस साल का यह पौधा मकान के बीचों से बीच से निकलकर दूसरी मंजिल पर फल भी दे रहा है।
छतरपुर जिला मुख्यालय में हनुमान टोरिया के प्रशांत मेहतो का परिवार रहता है जिसका एक रिहायशी सह व्यवसायिक मकान है। इसकी तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। इसकी खूबी यह है कि मकान पहले से बना था मगर जब इसे नया रूप दिया गया तो परिवार ने पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचने दिया।इसके तने और शाखाओं को बचाते हुए मकान को खड़ा करने की डिजाइन तैयार की गई। इन्हें बचाने की कोशिश में मकान का निर्माण काफी धीमी रफ्तार से हुआ और उसमें काफी समय लगा।
दस साल का पेड़ देने लगा फल
आज मकान को दस साल हो गए हैं लेकिन मकान की डिजाइन की वजह से आम का पेड़ मजबूती के साथ खड़ा है। अब यह पेड़ आम के फल भी देने लगा है। मकान के जिन हिस्सों से छत के बीच से निकल रहा है, वहां परिवार ने पूजा स्थल जैसा बना दिया है। जिस स्थान से मकान के बीच से निकला, वहां उसकी साफ सफाई के साथ पुताई भी की गई है। पेड़ पर भगवान की तस्वीर लगाकर पूजा की जाने लगी है और एक मंजिल पर मंदिर का रूप दे दिया गया है।
आज मकान को दस साल हो गए हैं लेकिन मकान की डिजाइन की वजह से आम का पेड़ मजबूती के साथ खड़ा है। अब यह पेड़ आम के फल भी देने लगा है। मकान के जिन हिस्सों से छत के बीच से निकल रहा है, वहां परिवार ने पूजा स्थल जैसा बना दिया है। जिस स्थान से मकान के बीच से निकला, वहां उसकी साफ सफाई के साथ पुताई भी की गई है। पेड़ पर भगवान की तस्वीर लगाकर पूजा की जाने लगी है और एक मंजिल पर मंदिर का रूप दे दिया गया है।
दो शो रूम का संचालन भी
पर्यावरण प्रेमी परिवार ने न केवल इस मकान को अपना रहवास बनाया है बल्कि इसका व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। इसमें दो बड़े शो-रूम का संचालन हो रहा है। कपड़े को इन शो रूम में खरीदी करने पहुंचने वाले लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले इस मकान को देखने भी पहुंचते हैं। मेहतो परिवार बताता है कि कई लोगों ने पेड़ से मकान को नुकसान होने की आशंका जताते हुए काटने की सलाह भी दी थी लेकिन वे उसे अपने परिवार का एक हिस्सा मानने लगे हैं। इस कारण आम का पेड़ काटने की सलाह को वे नजरअंदाज करते आ रहे हैं।
पर्यावरण प्रेमी परिवार ने न केवल इस मकान को अपना रहवास बनाया है बल्कि इसका व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है। इसमें दो बड़े शो-रूम का संचालन हो रहा है। कपड़े को इन शो रूम में खरीदी करने पहुंचने वाले लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले इस मकान को देखने भी पहुंचते हैं। मेहतो परिवार बताता है कि कई लोगों ने पेड़ से मकान को नुकसान होने की आशंका जताते हुए काटने की सलाह भी दी थी लेकिन वे उसे अपने परिवार का एक हिस्सा मानने लगे हैं। इस कारण आम का पेड़ काटने की सलाह को वे नजरअंदाज करते आ रहे हैं।
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