मध्य प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की सियासत में अब एक और नाम जुड़ गया है. होशंगाबाद के बाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. अब शिवराज सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने की मांग की है.
टीकमगढ़ में उन्होंने कहा कि भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने की मुहिम मैंने शुरू की थी. इसे लेकर मैंने सरकार से अपील की थी. अब जब होशंगाबाद (नर्मदापुरम) और बाबई (माखन नगर) का नाम बदला गया है तो मैं चाहता हूं कि भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल किया जाए. विश्वास सारंग ने कहा कि भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने के लिए मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखने वाला हूं.
नर्मदा मैया हमारी जीवनदायिनी'
विश्वास सारंग ने कहा कि गुलामी के हर प्रतीक को हम बदलेंगे. उन शहरों और गांवों के नाम जो हमें गुलामी की याद दिलाते हैं, वह मध्य प्रदेश में न रहें, इसी संकल्प के साथ होशंगाबाद का नाम बदला गया है. उन्होंने कहा कि नर्मदा मैया हमारी जीवनदायिनी है. नर्मदा किनारे बसे होशंगाबाद को अब नर्मदापुरम कहा जाएगा. कांग्रेस के नेता कहते हैं यह हमारा भगवा एजेंडा है, यदि वह इसे भगवा एजेंडा मानते हैं तो भी हमें कोई दिक्कत नहीं.
क्या है 'भोपाल' नाम का इतिहास
भोपाल ज़िला प्रशासन के रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी के मुताबिक भोपाल शब्द को भोजपाल से लिया गया है. यह मध्य भारत के शाही राजपत्र, 1908 पी .240 से लिया है. भोपाल नाम लोकप्रिय रूप से भोजपाल या भोज के बांध से लिया गया है, जो बांध अब भोपाल शहर की झील है. कहा जाता है कि इसे परमार शासक राजा भोज ने बनवाया था.
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