पंजाब के मुख्यमंत्री ने टोल लूट बंद करवाई, इंदौर की ठेकेदार फर्म पीडी अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर भी करवा दी दर्ज

पंजाब के मुख्यमंत्री ने टोल लूट बंद करवाई, इंदौर की ठेकेदार फर्म पीडी अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर भी करवा दी दर्ज


इंदौर। पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंतसिंह मान ने होशियारपुर (Hoshiapur)-टांडा रोड पर चल रहे टोल प्लाजा को बंद करने की घोषणा के साथ ही इस टोल घोटाले की विस्तृत जानकारी जहां मीडिया को दी, वहीं ठेकेदार फर्म (Contractor Firm) के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी। पौने 8 करोड़ रुपए की सडक़ (Road) के निर्माण के बाद रख-रखाव के नाम पर टोल टैक्स वसूली का ठेका इंदौर की पीडी अग्रवाल प्रा.लि. (PD Agarwal Pvt. Ltd) को बीओटी के तहत सौंपा गया और पौने 8 करोड़ रुपए की सडक़ पर 15 साल में 105 करोड़ की लूट का यह ठेका पूर्व कांग्रेस सरकार ने दिया था। फर्म ने पिछले दिनों कोविड लॉकडाउन और किसानों के विरोध के चलते जो नुकसान हुआ उसके लिए अतिरिक्त 522 दिनों तक और टोल टैक्स वसूली करने का आवेदन लगाया था।

देशभर में सडक़ों पर टोल टैक्स की इसी तरह अवैध वसूली हो रही है। इंदौर बायपास भी इसका सटीक उदाहरण है, जिसके हाल शुरू से ही चौपट हैं और अभी तो यातायात का रोजाना कबाड़ा होता है। ठेकेदार फर्म ने इतने संकरे बोगदे बनाए कि गाडिय़ां ही नहीं निकल पाती और टोल टैक्स वसूली लगातार जारी है। लेकिन पंजाब की आप पार्टी की सरकार ने इस तरह के टोल टैक्स के ठेके निरस्त करना शुरू कर दिए हैं। अभी पंजाब के मुख्यमंत्री श्री मान ने कल ही होशियारपुर-टाडा रोड पर चल रहे लाचो वॉल टोल प्लाजा को ना सिर्फ बंद करवाया, बल्कि ठेकेदार फर्म के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा दी। टोल संचालन फर्म द्वारा टोल अवधि का विस्तार देने का जो आवेदन लगाया था उसे भी खारिज कर दिया। मीडिया से चर्चा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मेसर्स पीडी अग्रवाल प्रा.लि. के खिलाफ बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर यानी बीओटी समझौते का उल्लंघन करने के चलते एफआईआर दर्ज करवाई गई है और पिछली सरकारों ने टोल कम्पनी को लूट की अनुमति दी। जिस सडक़ को सरकार ने ही लगभग पौने 8 करोड़ रुपए खर्च कर बनवाया उसका रख-रखाव करने के लिए निजी कम्पनी को 15 साल तक टोल टैक्स वसूली का ठेका दे डाला। 1 लाख 95 हजार रुपए रोजाना टोल टैक्स वसूल किया जा रहा था और सालभर में 7 करोड़ रुपए और 15 साल में 105 करोड़ रुपए की राशि वसूल होना है। जबकि 27.9 किलोमीटर की लम्बी सडक़ सरकार ने 7.76 करोड़ रुपए में बनवाई और मार्च 2007 में रख-रखाव के लिए निजी कम्पनी को सौंप दी। कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी की शिकायत पर थाना बुलहोवाल में धारा 420, 465, 466, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर जमा की। इसमें एस्क्रो समझौते का भी उल्लंघन बताया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि समझौते की शर्तों के उल्लंघन के बावजूद टोल कम्पनी के अनुबंधों को समाप्त नहीं किया।

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