पीपल लिविंग विद एचआईवी के लिए हुआ स्वास्थ्य शिविर

पीपल लिविंग विद एचआईवी के लिए हुआ स्वास्थ्य शिविर 

परिवार कल्याण साधनों के लिए किया जागरूक


पीपल लिविंग विद एचआईवी" के लिए गुरुवार को विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में किया गया। जिसमें परिवार कल्याण सेवाओं के साथ स्वास्थ्य परामर्श दिया गया। शिविर में "पीपल लिविंग विद एचआईवी" की व्यक्तिगत एवं पारिवारिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई साधनों का लाभ दिया गया।


स्वास्थ्य शिविर में एचआईवी संक्रमित महिलाओं एवं पुरुषों को परिवार कल्याण की आवश्यकता के संबंध में आईसीटीसी परामर्शदाता द्वारा जानकारी दी गई। स्थायी साधनों के साथ साथ अस्थाई साधनों में शामिल कंडोम, माला एन, छाया गोलियां, अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी के उपयोग के तरीकों के बारे में समझाया गया। एच आई वी संक्रमण से बचाव के लिए कंडोम के सही ढंग से इस्तेमाल के बारे में डेमॉन्सट्रेशन दिया गया। शिविर में हितग्राहियों ने नसबंदी भी करवाई है।एचआईवी की जांच के लिए भोपाल जिले में 12 आईसीटीसी सेंटर संचालित है। एम्स, जेपी चिकित्सालय, गांधी मेडिकल कॉलेज, सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल, टीबी हॉस्पिटल , सिविल अस्पताल काटजू, बैरागढ़, बैरसिया, बीएमएचआरसी, चिरायु मेडिकल कॉलेज, जेके मेडिकल कॉलेज , पीपल्स मेडिकल कॉलेज में संचालित इन आईसीटीसी केंद्रों में एचआईवी के नि:शुल्क परामर्श एवं जांच की सुविधा उपलब्ध है।


एचआईवी के नि:शुल्क उपचार के लिए एआरटी सेंटर हमीदिया चिकित्सालय, एम्स, जेके हॉस्पिटल, पीपल्स मेडिकल कॉलेज, चिरायु मेडिकल कॉलेज और महावीर मेडिकल कॉलेज में संचालित किए जा रहे हैं । भोपाल में लगभग 4 हजार से अधिक लोग एआरटी सेंटर में एचआईवी का उपचार ले रहे हैं।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एचआईवी संक्रमण के प्रसार का प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध है। यौन संबंधों के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करके, केवल लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए गए खून का इस्तेमाल, हर बार नई सिरिंज का इस्तेमाल और गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की अनिवार्य रूप से जांच करवाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। साथ में खाना खाने , हाथ या गले मिलने, खाने के बर्तन, कपड़े ,बिस्तर, शौचालय, टेलीफोन, स्विमिंग पूल के उपयोग, खांसने, छींकने से, मच्छरों के काटने या घरों में पाए जाने वाले कीड़े मकोड़े के काटने इत्यादि से एचआईवी का संक्रमण नहीं फैलता है।

नसबंदी की नि:शुल्क सुविधा एम्स, जयप्रकाश जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल के एन के, बैरागढ़, बैरसिया, सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय, इंदिरा गांधी गैस राहत चिकित्सालय, जवाहरलाल नेहरू गैस राहत चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांधीनगर, कोलार , खुशीलाल आयुर्वेदिक चिकित्सालय, कस्तूरबा चिकित्सालय एवं चिन्हित निजी चिकित्सा संस्थाओं में भी दी जा रही है। 

भोपाल की 24 निजी स्वास्थ्य संस्थाएं नसबंदी हेतु चिन्हित हैं।स्थायी साधनों के साथ - साथ अस्थाई साधनों में कंडोम, माला एन, छाया गोलियां,अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क उपलब्ध है। अंतरा इंजेक्शन एवं छाया गोलियां उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक उपलब्ध है। ग्रामीण एवं शहरी बस्ती क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से माला एन, छाया गोलियां, कंडोम और प्रेगनेंसी टेस्ट किट उपलब्ध करवाई जाती है। परिवार कल्याण कार्यक्रम में शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में पुरुष नसबंदी करवाने पर 3 हजार, प्रसव पश्चात महिला नसबंदी पर 3 हजार, अंतराल नसबंदी (पोस्ट अबॉर्शन) करवाने पर 2 हजार, पीपीआईयूसीडी लगवाने पर 300 एवं अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर 100 रुपए की क्षतिपूर्ति हितग्राही को दी जाती है।

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