रघु शर्मा ने कहा कि ऐसे में सवाल यह है कि यदि राज्य सरकारें सीधे तौर पर वैक्सीन की खरीद करना चाहती हैं तो फिर उसकी प्रक्रिया होगी? यह केंद्र सरकार को फैसला करना चाहिए। हमारे सामने सवाल यह है कि राजस्थान में 3.13 करोड़ लोग 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में हैं। लेकिन हम इन लोगों का वैक्सीनेशन कैसे कर सकेंगे? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक को आदेश देना चाहिए कि वह राज्यों को वैक्सीन की जरूरी सप्लाई कर सके। इसके अलावा रेट को लेकर भी उन्होंने कहा कि हम कीमत अदा करने को तैयार हैं, लेकिन सभी के लिए एक ही रेट होना चाहिए।
राजस्थान के अलावा छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड का भी कहना है कि उनके यहां वैक्सीन के स्टॉक की कमी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब में कांग्रेस का शासन है, जबकि झारखंड में झामुमो के साथ कांग्रेस सत्ता में है। छत्तीसगढ़ के हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंह देव और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी रघु शर्मा की बात का समर्थन किया है।
राज्य बोले, हम तो तैयार, पर वैक्सीन की है कमी
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि असम की ओर से वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि एक महीने के बाद ही सप्लाई मिल सकेगी। सभी 4 स्वास्थ्य मंत्रियों ने कहा कि हमने 1 मई से वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन दवा कंपनियों ने सप्लाई से इनकार किया है। सिद्धू ने कहा, 'यदि वैक्सीन उपलब्ध नहीं हुई तो फिर टीकाकरण किसी भी तरह से नहीं हो सकेगा। स्थिति एकदम साफ है। केंद्र सरकार का कहना है कि सभी का वैक्सीनेशन शुरू किया जाए, लेकिन टीका उपलब्ध नहीं है। पूरे देश को भ्रमित किया जा रहा है।'
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