केस एक- बशारतपुर निवासी राजेन्द्र कुमार ने 14 अप्रैल को अर्बन हेल्थ पोस्ट पर जांच कराई। उनका आरटीपीसीआर बीआरडी भेजा गया। 21 अप्रैल को उन्हें दोबारा सैंपल देने का मैसेज मिला।
केस दो- रहमतनगर निवासी जुबेर ने 15 अप्रैल को जांच कराई। एंटीजन निगेटिव रहा। आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया। बुधवार को जुबेर को मैसेज मिला कि सैंपल दोबारा देना होगा।
यह दो मामले बानगी है। जिले में कोरोना जांच पर लगा ग्रहण खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। एंटीजन किट की किल्लत के कारण पहले से ही जांच की रफ्तार धीमी हो गई है। अब बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में कोरोना संक्रमण फैलने के कारण 700 नमूने खराब हो गए। इनमें ज्यादातर नमूने 14 अप्रैल के बाद लिए गए थे। नमूनों को जिले के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से लिया गया था।
बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में 26 कर्मचारियों की टीम है। कोरोना की दूसरी लहर में विभाग के कर्मचारियों को दो टीमों में बांटकर दो शिफ्ट में काम कराया जा रहा था। बीते शनिवार को विभाग में कोविड ने एंट्री मारी। पहले दिन दो कर्मचारी संक्रमित हुए। अगले दिन रविवार को 10 कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। संक्रमितों में चार कंप्यूटर ऑपरेटर और चार लैब तकनीशियन शामिल हैं। इसके बाद से हड़कंप मच गया है। शनिवार की शाम व रविवार को सुबह विभाग को सैनिटाइज कराया गया। लैब को भी विसंक्रमित कराया गया। सोमवार को बचे हुए कर्मचारियों की एहतियातन जांच कराई गई। इसमें चार और कर्मचारी संक्रमित मिले। इसके बाद तो विभाग में तैनात सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर और अधिकांश लैब तकनीशियन संक्रमित हो गए।
खत्म हो गया है एंटीजन किट
जिले में एंटीजन किट का संकट पिछले चार दिन से बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल में शनिवार से ही एंटीजन किट खत्म हो चुका है। सोमवार से शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में एंटीजन किट का संकट गहराने लगा। किट की किल्लत के कारण बुधवार को ज्यादातर अस्पतालों में एंटीजन से जांच नहीं हो पाई। सिर्फ आरटीपीसीआर के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
कर्मचारियों के संक्रमित होने से समस्या ज्यादा बढ़ गई है। तीन दिन तक काम प्रभावित रहा है। बुधवार को 4400 जांच कर सके। इससे कुछ बैकलॉग कम हुआ है।
डॉ. अमरेश सिंह, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी
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