जी, हाँ , सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन मुझे तो यही लगता है ।

छुटभैया नेता से लेकर मुख्यमंत्री तक , चतुर्थ श्रेणी से लेकर कलेक्टर, आईजी,डीआईजी,कमिश्नर जैसे क्लास वन अधिकारी तक , सबको शानदार कवरेज देकर हीरो बनाने वाले , उनके विभाग में नंबर बढ़ाने वाले *हम पत्रकार , सिर्फ " यूज एंड थ्रो " होकर ही रह जाते है
डॉक्टर , निगमकर्मी , पुलिसकर्मी , प्रशासनिक कर्मचारी सब के सब कोरोना वारियर्स , कोरोना वीर , महावीर, लेकिन *आप ओर हम पत्रकार . ..सिर्फ " यूज एंड थ्रो "
जब गली के चेंबर का शुभारंभ हो, या कोई भव्य आयोजन, आप और हम पत्रकारों के पास फोन आने शुरू हो जाते है , बोस, ध्यान रखना, मामला जमा देना , और आप और हम पत्रकार , मामला जमा भी देते है ,
लेकिन जब बात पत्रकारों की या उनके परिवार पर कोई विपदा या विपरीत परिस्थिति की होती है तो यही नेता और अधिकारी मुँह मोड़ते हुए सहयोग के नाम पर नियमो की झड़ी लगा देते है । क्योंकि , आप और हम पत्रकार इन नेताओं और अधिकारियों के लिए यूज एंड थ्रो है ।
कोरोना के इस विपरीत दौर में मीडियाकर्मी भी जान हथेली पर लेकर आम जनता और सरकार, जिला प्रशासन के बीच सेतु बनकर खड़ा है । लेकिन सरकार और जिला / पुलिस प्रशासन आप और हम पत्रकारों को कोरोना वारियर्स नही मानते क्योकि आप और हम पत्रकार इन नेताओं और अधिकारियों के लिए सिर्फ " यूज एंड थ्रो ही है "
हमने हमारे इस करोना में पत्रकार साथियों को इलाज के अभाव में खो दिया , क्यो , बार बार पत्रकारों की समस्याओं को अनदेखा किया जाता है , क्यो उन्हें भी कोरोना वारियर्स की श्रेणी में नही रखा जाता ।
क्या वास्तव में आप नेता और अधिकारियों के लिए पत्रकार सिर्फ यूज एंड थ्रो है .
केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार , जिला प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन , आप मानो या ना मानो , इस देश का , प्रदेश का , शहर का हर पत्रकार अपने आप मे वन मेन आर्मी है , कोरोना वारियर्स है*। और यह मैं मानता हूं ।।
अब भी वक्त है साहेब , पत्रकारों को विपरीत परिस्थितियों में मदद कीजिए , सहयोग कीजिए , नजरअंदाज नही
आखिर . . पत्रकार भी इंसान है, किसी के लिए भी यूज एंड थ्रो नही
फिर भी हम हमारे संस्कार नही भूलते . . मेरी बातों से यदि किसी नेता या अधिकारी को ठेस पहुँची हो तो क्षमा करें , लेकिन इन बातों का संज्ञान जरूर लेने का प्रयास करें ,आग्रह है, अनुरोध है, निवेदन है🙏
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