इंस्टाग्राम पर वैक्सीन के बारे में भ्रामक प्रचार वाला वीडियो बनाने वालों पर दर्ज हुआ मामला


मध्य प्रदेश के इंदौर में कोविड-19 के टीकों की उपयोगिता को लेकर इंस्टाग्राम पर कथित रूप से भ्रामक प्रचार का वीडियो पोस्ट किए जाने के आरोप में पुलिस ने यहां दो अज्ञात युवकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। 

तुकोगंज पुलिस थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि एक स्थानीय अखबार के संवाददाता महेंद्र पाठक (51) की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत बृहस्पतिवार रात यह मामला दर्ज किया गया। 

उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में आरोप है कि इंस्टाग्राम पर इंदौरी मीडिया डॉट इन नाम के खाते पर पोस्ट वीडियो में दो युवकों ने कोविड-19 के टीकों की उपयोगिता को लेकर जन मानस में भ्रम फैलाया। प्राथमिकी के मुताबिक अज्ञात आरोपियों ने सोशल मीडिया पर यह कथित "भ्रामक प्रचार" ऐसे वक्त में किया, जब सरकार आम लोगों को महामारी से बचाने के लिए टीकाकरण में जुटी है और प्रशासन उन्हें टीका लगवाने के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है।

विवादास्पद वीडियो में दोनों युवक महामारी के टीकों की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए यह कहते सुनाई पड़ रहे हैं, "क्या हम (जनता) गिनी पिग (चूहे और गिलहरी सरीखे जानवरों की एक प्रजाति जिस पर दवाओं, टीकों आदि का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाता है) और प्रयोगशाला के चूहे हैं?" 

शर्मा ने बताया कि वीडियो में नजर आ रहे दोनों आरोपियों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है और मामले में पुलिस की विस्तृत जांच जारी है। थाना प्रभारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कोविड-19 के बारे में अफवाहों और भ्रम-भ्रांतियों के फैलाव पर रोक के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर रखा है।

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