भारत और पाकिस्तान को करीब लाने में जुटा यूएई, राजनयिक ने किया खुलासा- हम अमन के हिमायती


भारत और पाकिस्तान के बीच खटास को कम करने और बातचीत को बहाल कराने की कोशिशों में संयुक्त अरब अमीरात ने अहम भूमिका अदा की है। अमेरिका में यूएई के राजदूत युसूफ अल ओतैबा ने यह बात कही है। ओतैबा का कहना है कि यूएई ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर करने के प्रयास किए हैं और कश्मीर समेत कई विवादित मुद्दों पर बातचीत की पहली की है। उनका यह खुलासा ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बैकडोर से दुबई में बातचीत चल रही है। युसूफ अल ओतैबा ने इजरायल और यूएई के बीच अब्राहम अकॉर्ड को लागू कराने में भी अहम भूमिका अदा की थी।

इससे पहले भी कई मीडिया रिपोर्ट्स में भारत और पाकिस्तान के बीच यूएई की मध्यस्थता की बातें कहीं गई थीं, लेकिन ऐसा पहली बार है, जब उसके किसी अधिकारी ने औपचारिक तौर पर इसे स्वीकार किया है। दरअसल स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टिट्यूशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर से बातचीत करते हुए यह बात कही। अफगानिस्तान में पाकिस्तान की अहम भूमिका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यूएई के राजदूत ने खुद इस बात खुलासा किया है। दरअसल अमेरिका ने 11 सितंबर, 2021 तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही है। इसके साथ ही उसने अफगानिस्तान में शांति बहाली में भारत और पाकिस्तान की भूमिका को अहम बताया है।


कई सप्ताह पहले एक मीडिया रिपोर्ट में यूएई की ओर से मध्यस्थता की बात कही गई थी। दावा किया गया था


इसके बाद ही भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर को जारी रखने पर 25 फरवरी को सहमति जताई थी। युसूफ अल ओतैबा ने कहा कि हमारा जहां भी प्रभाव रहा है, हमने दों देशों के बीच मतभेदों को कम कराने का प्रयास किया है। भारत और पाकिस्तान की हाल में चर्चा हो रही है, लेकिन हमने इससे पहले इथियोपियन्स और एरिट्रियन्स को भी करीब लाने का प्रयास किया था।' उन्होंने कहा कि हमने इसके साथ ही इजरायल के साथ भी संबंधों को बेहतर करने का काम किया है।

दुबई में रॉ और आईएसआई के अधिकारियों ने की है मीटिंग
बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और पाकिस्तान की आईएसआई के टॉप अधिकारियों के बीच जनवरी में सीक्रेट बातचीत हुई है। इस बातचीत में कश्मीर में सैन्य तनाव कम करने को लेकर भी बात हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग को कराने में भी यूएई ने अहम भूमिका अदा की है। हालांकि अब तक अल ओतैबा या फिर रॉयटर्स की रिपोर्ट को लेकर भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

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