दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले सूरज (बदला हुआ नाम) कोरोना के लक्षणों से ग्रसित थे। परिवार के सदस्य जांच कराने से लेकर ऑक्सीजन बेड के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। इस बीच उनकी हालत गंभीर होती चली गई। घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर लगाना पड़ा, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि उन्हें बुखार था, जिसके बाद कोरोना जांच कराने के लिए भी लेकर गए, लेकिन कहीं भी जांच नहीं हो सकी। घर पर भी सैंपल लेने के लिए कोई तैयार नहीं था। ऑक्सीजन स्तर कम होने पर अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड भी तलाश किए, लेकिन किसी अस्पताल में कोई बेड खाली नहीं मिला। कहीं से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई, जिसके लिए मनमानी कीमत देनी पड़ी।
ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के बाद भी राहत नहीं : ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के बाद भी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इस बीच सूरज ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस को भी बुलाया गया और एंबुलेंस आई, लेकिन परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए भी काफी भटकना पड़ा। मंगोलपुरी, पंजाबी बाग, पश्चिम पुरी में स्थित शवदाह स्थल भी गए। हर जगह लंबा इंतजार था, फिर किसी से सिफारिश करवाकर ख्याला के शवदाह में अंतिम संस्कार करवाया गया।
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