अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भोपाल में 1050 सीटों का छात्रावास स्वीकृत


अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए 10 जिलों में छात्रावास स्वीकृत

   भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिये भोपाल में 1050 सीटों के छात्रावास और अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिये प्रदेश के 10 जिलों में कुल 1750 सीटों के छात्रावास स्वीकृत किये गये हैं। सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित विद्यार्थियों को माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिये सक्षम बनाये जाने के लिये सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की छात्रावास निर्माण की योजना है। इस योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइन्स एजुकेशन एण्ड रिसर्च, भोपाल के लिये 1050 सीट के बालक छात्रावास निर्माण की स्वीकृति सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई है। इसकी कुल लागत 44.72 करोड़ है जिसमें केद्रांश की राशि 28.35 करोड़ है।
   अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण की केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना को अन्य पिछड़ा वर्ग में शैक्षिक पिछड़ेपन की समस्या से निपटने के लिये वर्ष 1998-99 से कार्यान्वित किया जा रहा है। सामान्यत: ग्रामीण क्षेत्रों से विशेष रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित विद्यार्थी निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालय की कमी के कारण तथा उचित लागत पर छात्रावास की पर्याप्त सुविधा शैक्षिक संस्थानों में उपलब्ध न होने के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। इसलिये इस योजना को अन्य पिछड़ा वर्ग के विशेष रूप से ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों तथा गरीब परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा को जारी रखने के लिये सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से आरंभ किया गया था।

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