हर शहर एवं गाँव को 31 मई तक कोरोना संक्रमण से मुक्त करना राज्य सरकार का लक्ष्य - मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में लगातार सफलता प्राप्त हो रही है। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर लगभग 7 प्रतिशत हो गई है साथ ही एक्टिव केसेस की संख्या भी लगातार कम हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह आंकड़े कोरोना रोकथाम में मात्र केवल एक पड़ाव दर्शाते है मंजिल नहीं है। कोरोना मुक्त प्रदेश के निर्माण के लिए अभी हमें लंबा सफर तय करना है, जिसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार को इंदौर प्रवास के दौरान वेबकास्टिंग के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन के संबंध में इंदौर संभाग के विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो गाँव, वार्ड, मोहल्ले एवं कॉलोनी कोरोना मुक्त हो गये है वो नियमित रूप से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते रहे। जिन स्थानों में अभी भी संक्रमण के मामले पाए जा रहे हैं वहाँ माइक्रों कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया जाए। उन्होंने इंदौर, धार और खरगोन जिले में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति बनाकर कोविड रोकथाम हेतु कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 31 मई तक हमें प्रदेश के हर गाँव एवं शहर को कोरोना संक्रमण से मुक्त करना है, जिससे हम 1 जून से सामान्य स्थिति की तरफ कदम बढ़ा सकें।
संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जनता का सहयोग है आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बिना जनता के सहयोग के इस महामारी से नहीं लड़ा जा सकता। इसी सहयोग की आपूर्ति के लिए प्रदेश के हर गाँव एवं विकासखंड में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए गए हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य जनता को जागरूक कर कोरोना की रोकथाम में उनका सहयोग लेते रहें।
एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाएँ। समय रहते संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार मोबाइल टेस्टिंग भी कराई जाए।
लगातार चलाया जाए किल कोरोना अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए संक्रमित मरीजों की समय रहते पहचान करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में सर्वे टीम द्वारा हर ग्राम एवं शहर के प्रत्येक घरों में जाकर सर्दी, जुखाम एवं बुखार से संक्रमित मरीजों को दवाई की किट दी जा रही है। कोरोना के लक्षण दिखने पर संदिग्ध मरीजों की जाँच कर उन्हें होम आइसोलेशन में भी रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्राम एवं वार्डों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप इस अभियान को लगातार जारी रखें। सर्वे का एक राउंड समाप्त होने के बाद दूसरा राउंड तत्काल शुरू करवाएँ। प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे वार्डों में स्थापित कोविड सहायता केंद्र में लोग कोरोना की जाँच करा कर नि:शुल्क मेडिकल किट प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों कि यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में संक्रमण के किसी भी मामले को अनदेखा न करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज घरों के बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य स्वयं होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से फोन पर चर्चा कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें एवं गंभीर स्थिति वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाएँ। जिनके घरों में होम आइसोलेशन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है उन्हें कोविड केयर सेंटर में रखा जाए। योग से निरोग अभियान में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑनलाइन योग भी कराया जाए।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में लगातार सफलता प्राप्त हो रही है। प्रदेश में पॉजिटिविटी दर लगभग 7 प्रतिशत हो गई है साथ ही एक्टिव केसेस की संख्या भी लगातार कम हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह आंकड़े कोरोना रोकथाम में मात्र केवल एक पड़ाव दर्शाते है मंजिल नहीं है। कोरोना मुक्त प्रदेश के निर्माण के लिए अभी हमें लंबा सफर तय करना है, जिसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार को इंदौर प्रवास के दौरान वेबकास्टिंग के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन के संबंध में इंदौर संभाग के विकासखंड तथा ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो गाँव, वार्ड, मोहल्ले एवं कॉलोनी कोरोना मुक्त हो गये है वो नियमित रूप से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते रहे। जिन स्थानों में अभी भी संक्रमण के मामले पाए जा रहे हैं वहाँ माइक्रों कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया जाए। उन्होंने इंदौर, धार और खरगोन जिले में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति बनाकर कोविड रोकथाम हेतु कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 31 मई तक हमें प्रदेश के हर गाँव एवं शहर को कोरोना संक्रमण से मुक्त करना है, जिससे हम 1 जून से सामान्य स्थिति की तरफ कदम बढ़ा सकें।
संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जनता का सहयोग है आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बिना जनता के सहयोग के इस महामारी से नहीं लड़ा जा सकता। इसी सहयोग की आपूर्ति के लिए प्रदेश के हर गाँव एवं विकासखंड में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए गए हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य जनता को जागरूक कर कोरोना की रोकथाम में उनका सहयोग लेते रहें।
एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाएँ। समय रहते संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता अनुसार मोबाइल टेस्टिंग भी कराई जाए।
लगातार चलाया जाए किल कोरोना अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए संक्रमित मरीजों की समय रहते पहचान करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में सर्वे टीम द्वारा हर ग्राम एवं शहर के प्रत्येक घरों में जाकर सर्दी, जुखाम एवं बुखार से संक्रमित मरीजों को दवाई की किट दी जा रही है। कोरोना के लक्षण दिखने पर संदिग्ध मरीजों की जाँच कर उन्हें होम आइसोलेशन में भी रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्राम एवं वार्डों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप इस अभियान को लगातार जारी रखें। सर्वे का एक राउंड समाप्त होने के बाद दूसरा राउंड तत्काल शुरू करवाएँ। प्रचार रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे वार्डों में स्थापित कोविड सहायता केंद्र में लोग कोरोना की जाँच करा कर नि:शुल्क मेडिकल किट प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों कि यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में संक्रमण के किसी भी मामले को अनदेखा न करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज घरों के बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य स्वयं होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से फोन पर चर्चा कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें एवं गंभीर स्थिति वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाएँ। जिनके घरों में होम आइसोलेशन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है उन्हें कोविड केयर सेंटर में रखा जाए। योग से निरोग अभियान में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को ऑनलाइन योग भी कराया जाए।
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