पत्र में शेरमन ने कहा, 'भारत में कोविड-19 का हालिया प्रकोप एक मानवीय संकट है, जिसमें हमें सहायता देने की जरूरत है। जब तक भारत में कोविड कहर बरपाता रहेगा तब तक वायरस के नए स्वरूपों की उत्पत्ति का जोखिम भी बना रहेगा जो टीकाकरण करवा चुके अमेरिकी लोगों के लिए भी एक गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को अतिरिक्त चिकित्सा उपकरणों, आपूर्तियों और अन्य आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता है। इसके साथ ही पत्र में प्रशासन से अनुरोध किया गया कि भारत को ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन सांद्रक, ऑक्सीजन जनरेटर संयंत्र, क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर आदि भेजे जाएं।
WHO ने बताया, राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों से बढ़ी दूसरी लहर
पत्र में कहा गया कि भारत में सभी का टीकाकरण हो यह अमेरिका के हित में है। इसलिए भारत को टीके उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों को जिम्मेदार बताया है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था का कहना है कि राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के चलते सोशल मिक्सिंग हुई है और इससे कोरोना का रिस्क बढ़ा है। यही नहीं WHO ने भारत में मिल रहे B.1.617 वेरिएंट को लेकर भी चिंता जताई है। संस्था का कहना है कि इस वेरिएंट का भारत में पहला केस अक्टूबर 2020 में सामने आया था।
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