इस संबंध में अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि सरकारी टीम को किसी के घर टीका लगाने भेजा जाये। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए निंदा कि और कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब प्रदेश के लोगों को टीका लगवाने में परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि फिरोजिया के एक समर्थक कपिल कटारिया ने टीकाकरण के लिए सांसद को धन्यवाद देते हुए उनके घर टीका लगवाने का फोटो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर डाला, जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने तस्वीर को साझा किया और भाजपा नेता के इस कदम की कड़ी आलोचना की।
हालांकि, फिरोजिया ने अपना बचाव करते हुए कहा कि पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उन्हें सूचित किए बगैर सरकारी टीम को टीकाकरण के लिए घर बुलाया था। फिरोजिया ने शनिवार को भाषा को बताया, मैं घर पर नहीं था। मेरी मां बुजुर्ग है और उनके पैर में चोट भी लगी है। मेरी मां की हालत देखकर मेरे एक कार्यकर्ता कपिल कटारिया ने इस चिकित्सकीय टीम को बुलाया था। तभी उसने (कटारिया) भी ये टीका लगवाया था। मुझे जानकारी होती तो मैं ऐसा नहीं होने देता।
उन्होंने कहा, मैं स्वयं अस्पताल में जाकर कोरोना टीका लगवाकर आया हूं। फिरोजिया ने बताया, नियम सबके लिए समान हैं। मेरा भी यही मानना है। उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, घटना की जानकारी मिलने पर मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं। सिंह ने बताया, मुझे भी फिरोजिया के घर पर टीकाकरण की सूचना मिली है। मैंने अधिकारियों से तत्काल यह बताने को कहा है कि टीम को वहां जाने की अनुमति किसने दी। जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाया जाता है उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा, टीका लगाने के लिए सरकारी चिकित्सकीय टीम को किसी के घर पर भेजने का कोई प्रावधान नहीं है। उज्जैन जिले के तराना विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अस्पताल जाकर टीका लगवाते हुए अपनी तस्वीर ट्वीट करते हैं, लेकिन उज्जैन के भाजपा सांसद सरकारी टीम को घर बुलाकर टीका लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा, ''भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया खुद को वीवीआईपी समझते हैं और सरकारी टीम को टीकाकरण के लिए अपने घर पर बुलाते हैं। यह केंद्र सरकार की नाकामी है। यह शर्मनाक कार्य है।
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