असम में मुस्लिम बहुल इलाकों में हार मिलने पर बीजेपी ने अल्पसंख्यक सेल को किया भंग


असम में लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली  बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 126 में से 60 सीटों पर जीत मिली है। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने प्रदेश में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे को ही भंग कर दिया है। दरअसल, असम विधानसभा चुनावों में दल के अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदर्शन निम्न स्तर का रहा। प्रदर्शन इतना खराब था कि दल को अल्पसंख्यक मोर्चा के पंजीकृत सदस्यों के वोट भी नहीं मिले। इसी के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। भाजपा ने यहां स्टेट कमिटी, डिस्ट्रिक्ट कमिटी और मंडल कमिटी को भंग कर दिया है। 


बता दें कि असम में मुस्लिम बहुल इलाकों की सीटों पर जीत के लिए बीजेपी ने जानिया, जलेश्वर, बाघबार, दक्षिण सलमारा, बिलासीपारा पश्चिम, लहरीघाट, रूपोहीहाट और सोनाई से उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। वहीं भाजपा के साथ गठबंधन में असम गण परिषद (AGP) ने मुस्लिम बहुल इलाकों की सीटों- चेंगा, जलगांव और जमुनामुख से उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। लेकिन  इन सभी सीटों पर बीजेपी और एजीपी से बड़े मारजीन से हारी।


कुछ 32-34 मुस्लिम बहुल इलाकों की सीटों में से बीजेपी को केवल एक सीट (सोनाई का चांचार जिला) पर साल 2016 में जीत मिली थी। यहां जीतने वाले अमीनुल हकी लश्कर कि इस साल इसी सीट पर AIUDF के उम्मीदवार से 19,654 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस बार असम विधानसभा में कुल 31 मुस्लिम विधायक है और वे सभी कांग्रेस और AIUDF से हैं।

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