उन्होंने कहा, मैं यह टूटे हुए दिल के साथ लिख रही हूं कि मैंने भावना में बहकर किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का निर्णय ले लिया था और मैं वहां अभ्यस्त नहीं हो पाई। उन्होंने कहा, जिस तरह से मछली जल के बाहर नहीं रह सकती है, ठीक उसी तरह से मैं भी आपके बिना नहीं रह सकती हूं 'दीदी। मैं माफी मांगती हूँ और अगर आप मुझे माफ नहीं करती हैं तो मैं जी नहीं पाऊंगी।
गुहा ने आगे कहा है मुझे वापस आने दें और अपने स्नेह की छांव में जीवन व्यतीत करने का मौका दें। गुहा चार बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें कभी मुख्यमंत्री का 'साया माना जाता था। इस बार उन्हें तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गई थीं।
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