ऐसे बढ़ा फेफड़ों का संक्रमण
स्पॉटबॉय से बातचीत के दौरान यशोदा ने कहा कि एक विनोद को एक महीने पहले सीने में दर्द के साथ हल्का बुखार हुआ था। जिसके बाद चेस्ट स्कैन में 5% फेफड़ों में इंफेक्शन निकला लेकिन डॉक्टर ने होम आइसोलेशन में रहने और स्पेशलिस्ट के बात करके दवा शुरू करने की सलाह दी। ये सब करने के बावजूद दो दिनों बाद तक उन्हें कोई आराम नहीं मिला। यशोदा ने बताया कि 'हमने दोबारा स्कैन करवाया और दुर्भाग्य से पता चला कि इन्फेक्शन दोगुना बढ़ चुका है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा। लेकिन ऐसे मुश्किल समय में मुझे कोई अस्पताल नहीं मिल रहा था। मैं जहां भी कॉल कर रही थी लोग मुझे BMC में रजिस्टर करने के लिए बोल रहे थे, उनका कहना था जब नंबर आएगा तब बता दिया जाएगा'।
यशोदा ने आगे बताया कि- 'बहुत कोशिशों के बाद मुझे उनके लिए दादर में एक अस्पताल मिला, जहां वो दो दिनों तक रहे और फिर डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें ICU की जरूरत है और उनके पास वो उपलब्ध नहीं था। ऐसे में मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ेगा। इसके बाद मैंने ICU बेड ढूंढ़ने के लिए कम से कम 500 कॉल किए... मेरे एक दोस्त ने गोरेगांव में एक छोटे से अस्पताल में ICU बेड का इंतजाम करवाया'।
दुबई से मंगवाया इंजेक्शन लेकिन...
यशोदा ने बताया कि मसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं... 'डॉक्टर ने हमसे रेमडेसिविर इंजेक्शन का इंतजाम करने के लिए कहा और मैंने वाकई 6 इंजेक्शन के लिए 8 इंजेक्शन की कीमत दी है। इसके बाद उन्होंने मुझसे Toxin इंजेक्शन लाने को कहा... मुझे एक सोर्स का इस्तेमाल करके दुबई से ये इंजेक्शन इंपोर्ट करवाना पड़ा, मुझे ये 45 हजार का इंजेक्शन 1 लाख रुपए का पड़ा। इसके बाद उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां 15 दिन रहने के बाद मंगलवार को उनका निधन हो गया'। यशोदा बताती हैं कि 'मैंने उन्हें आखिरी बार 23 अप्रैल को देखा था, दूरी से... वो बेहोश थे और मुझे नहीं देख सके'।
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