उन्होंने बताया, ''दुर्लभ प्रजाति का आम जापानी प्रजाति के 'टाइयो नो टमैगो' की तरह है। मीडिया और गूगल के अनुसार जापानी आम 2,70,000 रुपए में बिका है। मैं यह दावा नहीं करता की यहां लगा दुर्लभ प्रजाति का आम जापानी आम है लेकिन मुझे एक व्यापारी ने आम के एक फल का भाव 21,000 रुपए देने की पेशकश जरूर की थी।''
परिहार ने कहा कि वर्तमान में इन 50 दुर्लभ पेड़ों पर केवल 3 से 4 फल हैं और इन पेड़ों व फलों को सुरक्षित करने के लिए हमने 3 गार्ड और 6 जर्मन शेफर्ड सहित 9 कुत्ते तैनात किए हैं। उनके अनुसार आमों को चुराने की कोशिश के बाद खेत में सुरक्षा बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि करीब 5 साल पहले उन्होंने अज्ञात 6 आम की किस्मों के 100 पौधे चेन्नई से 2.5 लाख रुपए में खरीद कर लाए थे और इनमें से 52 पेड़ बच गए हैं।
परिहार ने कहा, ''मेरा इरादा दुर्लभ किस्म के फल बेचने का नहीं है। बल्कि उनका एक बाग विकसित करने का है। उन्होंने बताया कि 'टाइयो नो टमैगो' आम की एक विशेष जापानी किस्म है, जो जापान के नियंत्रित वातावरण में उगाई जाती है। यह आम की दुनिया में सबसे महंगी किस्मों में से एक है। यह फल बाहर से गहरे लाल रंग का होता है और अंदर मांसल गहरे पीले रंग का होता है। यह आम एंटी आक्सिडेंट, फोलिक एसिड और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं।
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