कश्मीरी नेताओं के साथ पीएम मोदी की यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसमें घाटी के उन बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया, जो काफी समय तक नजरबंद रखे गए थे और जो अब तक आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर नाराज हैं। फारूक अब्दुल्ला से लेकर महबूबा मुफ्ती की नजबबंदी और रिहाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह पहली बैठक है। आर्टिकल 370 के हटने को लेकर केंद्र सरकार और कश्मीरी नेताओं के बीच बातचीत का दौर काफी समय तक बंद रहा, मगर इस बैठक से केंद्र और कश्मीरी नेताओं के बीच के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने में मदद मिल सकती है।
नजरबंदी के बाद अब नजरें मिलाने का समय
दरअसल, इस बैठक में ऐसे कुछ बड़े नाम हैं, जो काफी समय तक नजरबंद कर दिए गए थे और आज इन्हीं लोगों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात है। महबूबा मुफ्ती से लेकर अब्दुल्ला तक महीनों नजरबंदी के बाद रिहा हुए। महबूबा मुफ्ती जहां करीब एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रहीं, वहीं उमर अब्दुल्ला करीब आठ महीने, फारूक अब्दुल्ला छह महीने और सज्जाद लोन एक साल तक नजरबंदी के बाद रिहा हुए। आज इन सभी नेताओं की पीएम मोदी से सीधी मुलाकात हुई और कश्मीर को लेकर आमने-सामने बात हुई होगी।
कौन-कौन हुए बैठक में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बैठक में न सिर्फ 8 राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए। इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और गुपकार समूह के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, एनसी प्रमुख उमर उब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी, भाजपा के रवींद्र रैना, निर्मल सिंह समेत अन्य कई नेता शामिल हुए।
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