मामला सरायइनायत थाना क्षेत्र के अलमापुर गांव का है। यहां शुक्रवार की रात थरवई थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव से बारात आई थी। डीजे बैंड की कानफोड़ू धुन पर नाचते-गाते बाराती दुल्हन के दरवाजे पहुंचे थे। द्वारचार से पहले यहां हाथी की पूजा करने का रिवाज है। प्रथम पूज्यनीय गणेश जी के प्रतीक हाथी की पूजा करने के दौरान हाथी वह भड़क गया। फिर क्या था, गुस्साए हाथी ने समारोह में जमकर तोड़फोड़ मचाई। दरवाजे पर सजे पंडाल को उखाड़ दिया। वहां खड़ी तीन-चार कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। यह दृश्य देखकर बग्घी वाले की घिग्घी बंध गई। इसके बाद उसने तुरंत बग्घी से घोड़ी को अलग कर दिया।
बग्घी पर बैठा दूल्हा और बलहे को किसी आनन फानन में सुरक्षित उतरा गया। हाथी के उत्पात मचाने की खबर किसी ने पुलिस को दे दी। रात में ही सरायइनायत थाने की फोर्स के साथ अन्य थानो की फोर्स भी आ गई। काफी देर तक हाथी के चलते उत्पात के बाद महावत ने हाथी पर काबू पाया। वन रेंजर्स अशोक साहू ने बताया कि द्वारचार के पूर्व कन्या पक्ष के द्वारा हाथी की पूजा की जा रही थी। जलती हुई धूपबत्ती उसके सूड़ से छू गई तथा इसी बीच तेज आवाज वाले पटाखे दगाये जा रहे थे जिससे हाथी भड़क गया। हाथी के मालिक का पता लगाया जा रहा है। यदि वाइल्ड लाइफ से लाइसेंस नही होगा तो कार्रवाई करते हुए हाथी जब्त कर लिया जाएगा।
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