DMA की अर्जी पर योग गुरु रामदेव को समन जारी, HC बोला- कोई भी भड़काऊ बयान न दें


एलोपैथ बनाम आयुर्वेद विवाद में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर मुकदमे पर हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को समन जारी किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने योग गुरू रामदेव को पतंजलि की 'कोरोनिल' दवा को लेकर झूठी जानकारी देने से रोकने के लिए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका के संबंध में समन जारी किया। साथ ही भड़काऊ बयानबाजी से रामदेव बचने को कहा है। 

मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से योग गुरु रामदेव के वकील से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख, 13 जुलाई तक उन्हें कोई भड़काऊ बयान न देने को कहें। इस मामले में हाईकोर्ट ने ट्विटर और मीडिया चैनलों सहित कई सोशल मीडिया संगठनों से भी जवाब मांगा है। मामला 12 अगस्त को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष और 13 जुलाई को न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध है। 

चिकित्सकों की ओर से डीएमए ने कहा कि रामदेव का बयान प्रभावित करता है क्योंकि वह दवा कोरोना वायरस का इलाज नहीं करती और यह भ्रामक करने वाला बयान है।याचिका में रामदेव को पतंजलि के कोरोनिल टैबलेट के बारे में झूठे बयान और जानकारी फैलाने से रोकने की मांग की गई है। बता दें कि दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है।

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता राजीव दत्ता ने कहा कि डीएमए यानी दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि रामदेव का सार्वजनिक रूप से बयान विज्ञान और डॉक्टरों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है। यह मुकदमा डॉक्टरों के नागरिक अधिकारों के लिए है। 

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