बिहार के औरंगाबाद जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बभंडीह स्थित प्लेस ऑफ सेफ्टी से रविवार की रात छह बाल कैदी फरार हो गए और किसी को इसकी भनक तक न लगी। जो बाल कैदी फरार हुए हैं, उनमें तीन गया के, एक जहानाबाद का, एक बक्सर का तथा एक पटना का है।
बच्चों के फरार होने की जानकारी जब प्लेस ऑफ सेफ्टी से जुड़े कर्मियों व अधिकारियों को लगी तो अफरा-तफरी मच गई और इसकी छानबीन की जाने लगी। जांच के क्रम में पता चला कि ये बाल कैदी बाथरूम की खिड़की का शीशा तोड़ कर बाहर निकले और फिर बेडशीट के सहारे बाउंड्री से बाहर हो गए। सूचना मिलने पर एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार, एसडीपीओ अनूप कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक संतोष चौधरी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति का जायजा लिया।
मुफस्सिल थानाध्यक्ष देवानंद राउत ने बताया कि बाल कैदियों के आने की जानकारी पुलिस को नहीं थी। फरार कैदियों की बरामदगी के लिए संभावित ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। इस मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। सहायक निदेशक संतोष चौधरी ने बताया कि पूरे प्रकरण की जानकारी वरीय स्तर पर दी गई है। सभी कर्मियों से शो कॉज किया गया है। सहायक निदेशक ने बताया कि 24 घंटे के अंदर उन्हें जवाब देने को कहा गया है। प्रभारी सुपरिटेंडेंट को वहीं आवास में रहने का निर्देश दिया गया है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपने स्तर से जांच प्रतिवेदन डीएम और वरीय स्तर पर दिया है।
शेखपुरा से लाए गए थे 21 बाल कैदी
शेखपुरा से आठ जुलाई को 21 बाल कैदी प्लेस ऑफ सेफ्टी में लाए गए थे। इन्हीं में से छह कैदी फरार हुए हैं। फरार कैदी बेहद शातिर बताए जाते हैं। इस पूरे प्रकरण में लापरवाही से जुड़ी भी कई बातें सामने आ रही है। आपराधिक गतिविधियों में शामिल इन कैदियों के आने की खबर तक पुलिस को नहीं थी।
हत्या व लूट में शामिल हैं फरार बाल कैदी
प्लेस ऑफ सेफ्टी से जो बाल कैदी फरार हुए हैं, उन पर कई संगीन मामले दर्ज हैं। जानकारी के अनुसार एक-एक कैदियों पर पांच-पांच छह-छह मामले हैं। एक बाल कैदी पर तो नौ मामले दर्ज हैं। इनके अपराध की प्रकृति भी गैंगरेप, लूट, हत्या, डकैती आदि की है। बड़ी बात यह है कि इतने संगीन मामलों से इन बाल कैदियों पर प्लेस ऑफ सेफ्टी में नजर नहीं रखी जा सकी और ये फरार हो गए।
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