एक वन अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, "जब आपको खतरा महसूस होता है तो आपकी पहली प्रवृत्ति यह होती है कि आप खुद को बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करें। उन्होंने यही किया।" अधिकारी ने कहा, "दोनों भाइयों के पास एक केक था और उन्होंने उसे तेंदुए पर फेंक दिया।"
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फिरोज और साबिर मंसूरी मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में फिरोज के बेटे के जन्मदिन की पार्टी में जा रहे थे। जब वह एक गन्ने के खेत के पास पहुंचे तो तेंदुए ने हमला कर दिया। दोनों ने बाइक की स्पीड बढ़ा दी, लेकिन कीचड़ भरे रास्ते पर तेंदुआ भारी पड़ गया। फिरोज के पास तेंदुए पर केक फेंकने के अलाना कोई चारा नहीं था। हालांकि उनका यह ''मीठा हथियार'' काम कर गया। तेंदुए ने पीछा करना छोड़ दिया और वापस खेत में चला गया।
साबिर ने कहा, "तेंदुआ 500 मीटर (गज) तक हमारा पीछा करता रहा। हम बाल-बाल बचे।"
भारत में तेंदुओं की संख्या 2014 और 2018 के बीच 60 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 13,000 हो गई। सरकार के अनुसार, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में तेंदुए पाए जाते हैं। वे अक्सर गांवों और कस्बों में भी प्रवेश करते हैं।
वयस्कों पर हमले दुर्लभ हैं लेकिन बच्चों को अधिक खतरा होता है। पिछले महीने कश्मीर में एक तेंदुए ने चार साल की बच्ची को उसके बगीचे से उठा ले गया। अगले दिन उसका क्षत-विक्षत शव मिला।
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