भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट के कठिन बायो बबल (जैव सुरक्षित माहौल) जीवन से अगर खिलाड़ी समय-समय पर ब्रेक (छुट्टी) नहीं लेते हैं, तो जल्द ही ऐसा समय आ सकता है जब तनाव के कारण गुणवत्ता का कोई भी क्रिकेटर नहीं बचेगा। कोहली ने बायो बबल की जिंदगी को मुश्किल भरा करार देते हुए कहा कि अन्य क्रिकेटरों को भी बेन स्टोक्स जैसा रास्ता अपनाना शुरू करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इंग्लैंड का यह ऑलराउंडर खिलाड़ी भारत के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से हट गया है।
कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ बुधवार को खेले जाने वाले शुरुआती टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, 'ये ब्रेक मेरे लिए भी खुद को तरोताजा कर वापस आने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कप्तानी करना और टीम की जिम्मेदारी निभाना तनावपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा अगर आप लंबे समय तक एक बबल के अंदर हैं तो चीजें और भी मुश्किल हो जाती हैं। ऐसे में समय-समय पर ब्रेक लेना जरूरी है।'
भारतीय कप्तान चाहते है कि इस खेल का संचालन करने वाले इस मसले पर ध्यान दें, ताकि बबल की थकान के कारण क्रिकेट का स्तर प्रभावित न हो। उन्होंने कहा, 'अगर आपके पास खिलाड़ी खेलने के लिए नहीं बचे तो क्रिकेट की गुणवत्ता को बनाए रखना मुश्किल होगा। जैसे उसने (स्टोक्स) ब्रेक लिया है, भविष्य में और खिलाड़ी भी ऐसा कर सकते हैं। खिलाड़ी किसी न किसी स्तर पर बायो बबल की जिंदगी से थक सकते हैं।'
कोहली ने इस मौके पर टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई भी दी। भारत के लिए भारोत्तोलक मीराबाई चानू (रजत पदक) और पीवी सिंधु (कांस्य पदक) ने इस ओलंपिक में पदक हासिल किए जबकि लवलीना बोरगोहेन का मुक्केबाजी में पदक पक्का है। कोहली ने कहा, 'जब हम डरहम में थे, तब हम सभी इसका (ओलंपिक) अनुसरण कर रहे थे, नाश्ते की जगह पर बड़ी स्क्रीन और टीवी पर हम इसका लुत्फ उठाते थे। जब वे (भारतीय खिलाड़ी) अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, तब हम सभी उत्सुकता से देख रहे थे।'
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