तो वहीं दूसरी ओर नरसिंहपुर से बीजेपी विधायक और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के भाई जालम सिंह पटेल (MLA Jalam Singh Patel) ने मीडिया से कहा कि सभी दल शराब के इस धंधे से जुड़े हुए हैं. बीजेपी भी इस धंधे से अछूती नहीं है. कार्रवाई होती है लेकिन वो काफी नहीं है.
सरकार की कोशिशों पर हुए सवाल खड़े
विधायक जालम सिंह के इस बयान से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. उनके बयान ने एक बात तो साफ कर दी है कि शराब माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है. बीजेपी के ही विधायक जालम सिंह पटेल के इस बयान के बाद शराब की अवैध बिक्री की रोकथाम को लेकर सरकार के कवायद पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब के सेवन से 53 लोगों की मौत हो चुकी है. मंदसौर में 23 जुलाई को जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे. इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि दूसरे राज्यों से मध्य प्रदेश लाई जा रही अवैध शराब को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाएगा.
15 महीने में यहां हुई इतनी मौते
2मई 2020 को रतलाम में जहरीली शराब से 4 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद 6 सितंबर को रतलाम में 2 मौतें और हुई. 15 अक्टूबर को उज्जैन में 15 मौतें हुई. इसके बाद 7 जनवरी 2021 को खरगोन में 2 मौतें हुई. 11 जनवरी मुरैना में 26 मौतें हुई. और 25 जुलाई मंदसौर में 5 मौतें हुई.
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