जानकारी के अनुसार महिला को 26 जुलाई को डासलिसिस के लिए महाराजा यशवंतराव अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान अस्पताल के एक कर्मचारी ने एनीमा लगाने के बहाने महिला के साथ दुष्कर्म किया. महिला ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इस बारे में शिकायत दी, तो उन्होंने मामले को सुलझाने का दबाव डाला और दो दिन में उन्हें छुट्टी दे दी.
पीछे के गेट से महिला को अस्पताल से बाहर निकाला
महिला ने आगे आरोप लगाया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने घटना के बाद दो दिन तक उसे एक निजी कमरे में रखा ताकि कोई उनसे मिल नहीं पाए. इसके बाद छुट्टी के समय भी उन्हे पीछे के गेट से अस्पताल से बाहर निकाल गया.
प्रशासन कर रहा मामला छिपाने की कोशिश
पीड़िता ने कहा कि जब मामला मीडिया में पहुंच तो अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने मामले को छिपाने के लिए जांच के बहाने उन्हें जबरन छुट्टी दे दी. इसके बाद महिला ने सोमवार को इंदौर के संयोगितागंज थाने में शिकायत दर्ज कराई.
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