आदिवासी दिवस पर छुट्टी को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ा विधानसभा का पहला दिन, कांग्रेस ने वेल में आकर किया हंगामा


मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का पहला दिन आदिवासियों को लेकर राजनीति के हंगामे की भेंट चढ़ गया. कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा शुरू होते ही आदिवासी दिवस पर छुट्टी नहीं घोषित करने के मामले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष लगातार निधन का उल्लेख करते रहे लेकिन कांग्रेसियों ने वेल में आकर हंगामा किया.

सरकार की ओर से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि जिन लोगों का कोरोना से निधन हुआ है, उनमें से एक कांग्रेस की आदिवासी विधायक कलावती भूरिया जी भी हैं तो उनके सम्मान में ही कम से कम कांग्रेसियों को शांत रहना चाहिए.

कांग्रेस ने धारा 144 लगाने का किया विरोध

मामले में कांग्रेस विधायक और आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया ने कहा, “वर्तमान बीजेपी की सरकार ने आदिवासियों का अपमान किया है. आज आदिवासी दिवस के मौके पर छुट्टी की मांग कांग्रेस की तरफ से की जा रही थी लेकिन सरकार ने जिलों में धारा 144 लगाकर आज का दिन मनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया. हम इसका विरोध करते हैं.”

पीटीआई की खबर के मुताबिक कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर नौ अगस्त को सरकारी छुट्टी घोषित की थी और हर ब्लॉक में इस दिवस को मनाने के लिये एक-एक लाख रूपये भी भेजे थे, लेकिन भाजपा नीत वर्तमान सरकार ने उस अवकाश पर रोक लगा दी है.

CM शिवराज ने किया पलटवार

कांग्रेस के हंगामें पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद सामने आकर प्रतिक्रिया दी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती आदिवासी मनाते हैं और इसी दिन सरकारी छुट्टी भी होती है. कांग्रेसी सिर्फ राजनीति करना चाहती है इसीलिए उसके विधायक हंगामा कर रहे हैं.

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