टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को अचानक से फटाफट क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया। कोहली ने ट्विटर के जरिए बताया कि वह यूएई और ओमान में खेले जाने वाले टी-20 विश्व कप के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी त्याग देंगे। भारतीय फैन्स के लिए विराट का यह फैसला चौंकाने वाला रहा, क्योंकि कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने हर देश में जीत का परचम लहराया है। ऐसे में हर किसी के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरी क्यों विराट ने एकाएक यह कदम उठाया। क्या कोहली की खराब फॉर्म ने उनको यह फैसला लेने पर मजबूर किया या फिर सच में वर्कलोड ही इस निर्णय की असली वजह है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि मैदान पर कभी हार ना मानने वाले विराट ने आखिरी क्यों टी-20 कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त होने का फैसला किया।
खराब फॉर्म बनी वजह
विराट कोहली द्वारा टी-20 कप्तानी छोड़े जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह उनकी खराब फॉर्म को माना जा रहा है। विराट ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना आखिरी शतक नवंबर 2019 में जड़ा था और उसके बाद से कोहली सेंचुरी के बेहद नजदीक तो पहुंचे, लेकिन अपने स्कोर को तीन अंकों में नहीं पहुंचा सका। बल्ले से रन नहीं निकलने के चलते विराट के ऊपर दिन-प्रतिदिन दबाव बढ़ा रहा था। अपने नाम और बल्लेबाजी कद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के चलते वह आलोचकों के निशाने पर भी थे। ऐसे में कोहली ने शायद इस भार को कुछ हद तक कम करने के लिए यह कदम उठाया।
रोहित के रिकॉर्ड ने बढ़ाया दबाव
लिमिटेड ओवर क्रिकेट में पिछले एक से दो सालों में रोहित शर्मा टीम इंडिया के लिए सुपरस्टार बनकर उभरे। रोहित ने ना सिर्फ बल्ले से बल्कि मौके मिलने पर अपनी कप्तानी से भी हर किसी को अच्छा खासा प्रभावित किया। रोहित को कैप्टन के तौर पर जब-जब मौका मिला तो उन्होंने उन मौकों को दोनों हाथ से कबूल किया और दमदार खेल दिखाया। रोहित ने 19 टी-20 मैचों में टीम इंडिया को 15 में जीत का स्वाद चखाया और बल्लेबाजी में उनका दिन-प्रतिदिन ऊपर जाते ग्राफ के चलते हिटमैन को टी-20 कप्तानी सौंपे जाने की चर्चा ने भी जोर पकड़ा। रोहित के रिकॉर्ड और लगातार बल्ले से धमाल मचाने के चलते विराट पर काफी दबाव बढ़ा। आईपीएल में भी रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस के लिए कामयाबी विराट के लिए मुसीबत बनी। यही वजह रही कि टी-20 फॉर्मेट में कोहली और रोहित के बीच अच्छा कप्तान कौन इसको लेकर तुलना भी होने लगी और कई पूर्व क्रिकेटर्स ने विराट को टी-20 कप्तानी त्यागना तक की सलाह दी।
एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाने का प्रेशर
2017 में विराट कोहली ने टीम इंडिया की कप्तानी संभाली और उसके बाद उनकी अगुवाई में टीम चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची, लेकिन फाइनल में टीम को हार झेलनी पड़ी। इसके बाद 2019 विश्व कप में भी कोहली भारतीय टीम को सेमीफाइनल तक लेकर गए, लेकिन वहां न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया का खेल खराब कर दिया। लिमिटेड ओवर क्रिकेट के बाद टेस्ट में भी विराट वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचे, पर वहां भी फाइनल में बाजी कीवी टीम के हाथ लगी। बतौर कप्तान विराट आईसीसी इवेंट्स में सेमीफाइनल और फाइनल तक तो पहुंचे, लेकिन टीम को कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला सके। कप्तान के तौर पर शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद यह दाग कोहली की कप्तानी पर रहा और इसको लेकर उनकी जमकर आलोचना भी होती रही। ऐसे में माना जा सकता है कि विराट के टी-20 कप्तानी छोड़ने के पीछे यह एक वजह हो सकती है।
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