बैंकों का बोझ कम करने के लिए सरकार का प्लान, बैड बैंक के लिए 30,600 करोड़ रुपए की दी मंजूरी


बैंकों का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 'बैड बैंक' को 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की मंजूरी दी है। ये रकम नेशनल असेट रि-कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) यानी बैड बैंक के लिए सरकार की ओर से दी गई गारंटी है। यह गारंटी 5 साल के लिए वैध होगी। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस तरह की समाधान व्यवस्था, जो एनपीए के पुराने बकाया मामलों का समाधान करती हैं, को आमतौर पर सरकार से समर्थन की आवश्यकता होती है। इससे बैंकों पर विश्वसनीयता बढ़ती है और बफर की क्षमता भी तैयार करने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 30,600 करोड़ रुपए की गारंटी को मंजूरी दी गई है। वित्त मंत्री के मुताबिक पिछले 6 वर्षों के दौरान बैंकों द्वारा 5,01,479 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई। केवल बट्टे खाते में डाली गई संपत्ति से  99,996 करोड़ रुपये वसूल की गई राशि शामिल है।निर्मला सीतारमण ने बताया कि नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड यानी NARCL बैंकों की बैलेंस शीट में एनपीए को एकत्रित करेगी और पेशेवर रूप से उनका प्रबंधन और निपटान करेगी। NARCL के साथ, हम एक इंडिया डेब्ट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड भी स्थापित कर रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक आज त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर आने में सक्षम हैं। बैंक भी मुनाफा कमा रहे हैं और बाजार से पैसा जुटा रहे हैं।

बजट में बैड बैंक का हुआ था जिक्र: इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैड बैंक का जिक्र किया था। इस बैंक की स्थापना दूसरे वित्तीय संस्थानों से बैड लोन को खरीदने के लिए की जा रही है। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को 'बैड बैंक' स्थापित करने का काम सौंपा गया था। इस बैंक की मदद से बैड लोन वित्तीय संस्थानों के एकाउंट से हट जाएंगे। इसका फायदा उन बैंकों को मिलेगा जिनकी वित्तीय स्थिति एनपीए की वजह से चरमराई हुई है। ऐसे बैंकों से बैड लोन हट जाएंगे और बैलेंशशीट मजबूत हो जाएगी।

बता दें कि पिछले महीने आईबीए ने 6,000 करोड़ रुपये के NARCL की स्थापना के लिए लाइसेंस हासिल करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक के पास आवेदन दिया था। इस बीच, सरकार के स्वामित्व वाले केनरा बैंक ने 12 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ NARCL का प्रमुख प्रायोजक बनने की इच्छा जतायी है। प्रस्तावित NARCL में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी और बाकी हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के बैंकों के पास होगी।

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