शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक आज, 4 हाईवे पर टोल लगाने के प्रस्ताव को मिल सकती है हरी झंडी; लिए जा सकते हैं ये बड़े फैसले


मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सोमवार को शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक (Shivraj Singh Cabinet Meeting) होनी है.  इस बैठक में प्रदेश के 4 स्टेट हाईवे पर एक बार फिर टोल टैक्स (MP toll tax Rate) लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. दरअसल पहले मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के अंदर आने वाले सागर-दमोह, बीना-खिमलासा-मालथोन, महू-घाटा बिल्लौद और भिंड-मिहोना-गोपालपुरा हाइवे पर टोल टैक्स लगाया था, लेकिन निवेशकर्ताओं ने सरकार से कॉन्टैक्ट खत्म करने का अनुरोध किया था.

जिसके बाद एमपीआरडीसी ने दिसंबर 2020 में कॉन्टैक्ट खत्म कर दिया था, लेकिन अब एक बार फिर नए सिरे से इन हाईवों पर टोल टैक्स लेने के लिए एजेंसी तय करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे कैबिनेट आज की कैबिनेट में पेश किया जाएगा.

बैकलॉग पदों पर भर्ती की समय सीमा बढ़ाए जाने पर होगी चर्चा

इसी के ही साथ अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST), पिछड़ा वर्ग और नि:शक्तजनों के बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए चल रहे अभियान की सीमा एक साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी. दरअसल इस विशेष भर्ती अभियान की अवधि 1 जुलाई 2021 से 30 जून 2022 तक बढ़ाने पर विचार किया जाएगा. बता दें कि जून 2021 को विशेष भर्ती अभियान की अवधि समाप्त हो चुकी है.

न्यायिक सेवाओं में भरवाया जाएगा बॉन्ड

न्यायिक सेवा के चयनित उम्मीदवारों से बॉन्ड भरवाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल सकती है. अब न्यायिक सेवा में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति के समय 3 साल अनिवार्य रूप से देने संबंधी 5 लाख रुपए का बॉन्ड देना होगा. इसके लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियम 2017 में संशोधन किया जा रहा है. दरअसल, सरकार उच्च न्यायालय, जबलपुर की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियम 2017 में संशोधन करने जा रही है.

इस बॉन्ड के अनुसार एक बार पदभार ग्रहण करने के बाद कम से कम तीन साल तक सेवा देना अनिवार्य होगा. किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएं नहीं देने पर बॉन्ड की राशि या तीन महीने के वेतन और भत्ते, जो अधिक हो, देय होगी. इस शर्त का उल्लंघन करने पर बॉन्ड की राशि राजसात की जा सकेगी. यदि केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति लेकर त्यागपत्र दिया जाता है तो बॉन्ड की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी.

इन प्रस्तावों पर भी हो सकता है निर्णय

मेंटल हॉस्पिटल इंदौर का अपग्रेड सेंटर फार एक्सीलेंस के रूप में किया जाएगा. इससे मनोरोग विषय में एमडी की चार, क्लीनिकल साइकोलॉजी में 18 एमफिल, साइकियाट्रिक सोशल वर्क में 18 एमफिल और साइकैट्रिक नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स की 40 अतिरिक्त सीट प्रारंभ की जा सकेगी. इसके साथ ही महाराजा कॉलेज छतरपुर का सभी संसाधनों सहित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में संविलियन के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा.

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