सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के हिसाब से पहले दिन यानि सोमवार को आधी क्षमता ( 50% क्षमता) के साथ क्लासेस लगनी थी, लेकिन बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं. दरअसल बच्चों को स्कूल में क्लास अटेंड करने के लिए पेरेंट्स की परमीश्न की जरूरत है. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद पहली से 5वीं तक की क्लास लगाई जा रही हैं.
एक शिक्षक ही दोनों क्लासेस को पढ़ाएगा
छोटे बच्चों के क्लास खोलने को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए थे. राज्य शिक्षा केंद्र के अपर मिशन संचालक लोकेश जांगिड़ ने बताया कि दूसरी क्लास के बच्चों को अभी पहली क्लास का ही पुराना पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. एक शिक्षक ही दोनों कक्षाओं की एक साथ क्लास लेगा.
शिवराज सरकार ने हर क्लास के लिए अलग समय पर खोले स्कूल
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने 26 जुलाई से स्कूल खोल दिए थे. सबसे पहले 11वीं और 12वीं की क्लास शुरू हुईं. क्लास में 50% से ज्यादा बच्चे मौजूद होने पर पाबंदी लगाई गई थी. बच्चों के बैठने की जहां सही व्यवस्था नहीं है, वहां हफ्ते में एक दिन छोटे-छोटे ग्रुप में क्लास लगाने के निर्देश दिए गए थे. बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी थी.
सरकार ने दूसरे चरण में 1 सितंबर से 6वीं से 12वीं तक की सभी क्लासेस सोमवार से शनिवार तक खोलने का निर्णय लिया था. क्लास में 50% बच्चे उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे. यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने 14 सितंबर को बैठक के बाद पहली से पांचवीं तक के क्लास खोलने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही हॉस्टल वाले स्कूलों में 8वीं, 10वीं और 12वीं की क्लास 100% क्षमता के साथ खुलने के आदेश जारी किए गए. हालांकि अभी 11वीं क्लास के बच्चों को 50% क्षमता के साथ ही हॉस्टल में जगह दी जाएगी.
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