इस मामले में सीबीआई (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने आरोपी डिप्टी के खिलाफ रिश्वत मांगे जाने का केस दर्ज किया है. शिकायत में कहा गया था कि डिप्टी डायरेक्टर एडमिन ने भोपाल एम्स के काफी समय से लंबित पड़े दवाओं (Medicine Bill) और दूसरी सामग्रियों के बिलों का भुगतान करने के लिए 2 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे
CBI ने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा
आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए सीबीआई की टीन ने एक जाल बिछाया. जिसके बाद आरोपी खुद रिश्वत मांगते और रुपये मांगने की बात स्वीकारते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया. सीबीआई अब भोपाल एम्स के डिप्टी डायरेक्टर एडमिन के राजधानी समेत कई ठिकानों पर तलाशी कर रही है. उसे कल भोपाल कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि एम्स के 40 लाख रुपये के बिल पास करने के लिए आरोपी ने 2 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे.
सीबीआई ने एक प्लान के तहत उसे रंगे हाथों धर दबोचा. धीरेंद्र के कई ठिकानों से सीबीआई ने 7 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. वहीं जांच एजेंसी को 70 लाख रुपये फंड में निवेश की भी जानकारी मिली है. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के भी सबूत मिले हैं. हर एक पहलू पर जांच की जा रही है.
भोपाल AIIMS का डिप्टी डायरेक्टर गिरफ्तार
खबर के मुताबिक रिश्वत मांगने के लिए धीरेंद्र ने जन औषधि केंद्र के संचालक को शाहपुरा थाना इलाके में बुलाया था. इस दौरान उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया. धीरेंद्र के ऑफिस में भी जांच एजेंसी ने जांच की है. वह इस समय प्रतिनियुक्ति पर भोपाल एम्स में डिप्टी डायरेक्टर एडमिन के पद पर काम कर रहा है.
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