दरअसल, विंध्य में विधानसभा की लगभग डेढ़ दर्जन सीटें हैं. यहां पर अजय सिंह काफी मजबूत स्थिति में हैं. ऐसे में बीजेपी से बढ़ती नजदीकी को लेकर अजय सिंह खबरों में छा गए हैं. बीतें दिनों वे गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंचे थे. फिलहाल उनके लोगों ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास कामों को लेकर मंत्री से मिलने गए थे. वहीं बीते 23 सितंबर को अजय सिंह के बर्थडे पर बधाई देने के बहाने केवल नरोत्तम मिश्रा ही नहीं कैलाश विजयवर्गीय भी जब अजय सिंह के बंगले पर पहुंचे तो यह सियायी गरमाहट बढ़ गई है.
चुनाव में हारने के बाद कमजोर पड़े अजय सिंह
गौरतलब है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विंध्य क्षेत्र के कांग्रेस के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. मगर उनके विरोधी बीते 3 चुनावों में करारी हार मिलने के बाद उनकी पकड़ को कमजोर होना बताया जा रहा है. यही कारण है कि उनके विरोध करने के बाद भी कांग्रेस छोड़कर विधानसभा सत्र के चलते सदन की कार्यवाही के दौरान पार्टी से विद्रोह कर बीजेपी में जाने वाले भिंड के चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की गुपचुप ढंग से वापसी हो चुकी है. हालांकि राकेश सिंह को कांग्रेस में वापस लाने वाले ग्वालियर-चंबल के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरान बीजेपी में जा चुके हैं. विंध्य में 2018 में कांग्रेस की हार होने के चलते अजय सिंह की साख में काफी कमी आई है.
अकेले दम पर कुछ करने लायक नहीं बची कांग्रेस
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस और विपक्षी दलों की बैठक पर बीजेपी ने निशाना साधा है. उसने कहा कि कांग्रेस अब अकेले दम पर कुछ करने लायक नहीं बची है. इससे पहले कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेताओं के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता बुलाई थी. इसमें बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा गया. नेताओं ने इन सरकारों के कोरोना को लेकर किए जा रहे कामों को फर्जीवाड़ा बताने का प्रयास किया गया था
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