आवास योजना में घोटाले से नाराज हुए शिवराज सिंह चौहान, मंच से ही दो अधिकारियों को किया सस्पेंड


मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने मंगलवार को यहां से 350 किलोमीटर दूर निवाड़ी में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप में दो अधिकारियों को मंच से ही निलंबित करने की घोषणा कर दी.

चौहान ने जैरोम में आयोजित सभा में गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के नाम लोगों से पूछे और फिर भीड़ द्वारा बताए गए नामों को दोहराया. मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा, ‘‘वे (अधिकारी) मुझे बता रहे थे कि कोई उमाशंकर सीएमओ (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) थे और एक अभिषेक राउत उप यंत्री हैं.’’ इस पर जब लोगों ने ‘‘हां’’ में जवाब दिया तो मुख्यमंत्री ने मंच से ही उमाशंकर और राउत को निलंबित करने की घोषणा कर दी.

उन्होंने दोनों अधिकारियों के खिलाफ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से जांच कराने का भी आदेश दिया. उन्होंने भीड़ से कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को जेल भेजा जाए. अधिकारियों ने कहा कि चौहान ने पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले अपनी जनदर्शन यात्रा के तहत सभा में निवाड़ी और टीकमगढ़ के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा की.

इन परियोजनाओं में ओरछा में कॉलेज भवन का निर्माण, मोहनगढ़ में सामुदायिक केंद्र, 11.40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नहर का पुनर्विकास और दो करोड़ रुपये की लागत से नया बस स्टैंड बनाना शामिल हैं. कांग्रेस के विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के कारण खाली हुई पृथ्वीपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है.

पानी की समस्या का मुद्दा उठाया

दरअसल रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान जनदर्शन यात्रा के तहत सतना के रैगांव विधानसभा के शिवराजपुर इलाके में लोगों को संबोधित किया. उनके भाषण के दौरान ही लोगों ने पीने के पानी की समस्या का मुद्दा उठाया. इस पर उन्होंने जिला कलेक्टर से ब्यौरा लिया.

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