CBI ने सुप्रीम कोर्ट के 9 जुलाई 2015 को आए निर्देश के बाद 5 अगस्त 2015 को मामला दर्ज कर इस मामले में जांच शुरू की थी. जांच के बाद सीबीआई ने 25 जुलाई 2018 को आरोप पत्र दाखिल किया था.
इसे पहले भी CBI कोर्ट ने 8 दोषियों को सुनाई थी सजा
CBI की अदालत ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2012 के मामले में आठ दोषियों को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट द्वारा इन दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जबकि 2 लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया था.
ऐसे सामने आया था व्यापम घोटाला
व्यापमं घोटाले 2013 में तब सामने आया था, जब इंदौर पुलिस ने 2001 की पीएमटी प्रवेश से जुड़े केस में 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था. CBIने 2012 में किए गए एक पूर्व-चिकित्सा परीक्षण के संबंध में 73 के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था. जबकि उनमें से 54 पर डिजिटल डेटा और ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया. वहीं 19 के ऊपर प्रतिरूपण का आरोप लगाया है. वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापमं घोटाले के मामले में CBI द्वारा आरोपित 100 से अधिक लोगों को अब तक दोषी ठहराया जा चुका है.
प्रदेश की राजनीति में इस घोटाले ने मचा दी थी खलबली
बता दें कि शिवराज सरकार के समय में हुए इस व्यापम घोटाले ने मध्यप्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी थी. उसके बाद इस केस से जुड़े कई लोगों की एक के बाद एक हुई मौत ने तो सरकार पर सवाल खड़े कर दिये थे. काफी बवाल मचने पर एसटीएफ के बाद केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी थी.
0 Comments