छोटी छोटी बच्चियों को नग्न कर उन्हें मूसल देकर पूरे गांव में घुमाया गया. बच्चियों के साथ ये करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके ही परिवार की महिलाएं, उनकी माताएं और आस पड़ोस के लोग हैं.
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में इस बार मानसून (mansoon) कुछ जिलों पर तो इतना मेहरबान हो गया कि बारिश के कारण बाढ़ आ गई. तो कुछ जिलों में बारिश के अभाव में सूखा पड़ गया है. सूबे के जो जिले भीषण सूखे की चपेट में हैं, वहां लोग इस परेशानी से निकलने के लिए अब तरह तरह के जतन कर रहे हैं. प्रदेश के दमोह (damoh district) से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, जो कुप्रथा की बानगी तो हैं ही साथ ही अमानवीयता को भी दर्शाती हैं.
दरअसल यहां छोटी छोटी बच्चियों को नग्न कर उन्हें मूसल देकर पूरे गांव में घुमाया गया. बच्चियों के साथ ये करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके ही परिवार की महिलाएं, उनकी माताएं और आस पड़ोस के लोग हैं.
इस मान्यता को पूराकर महिलाओं ने भगवान से की बारिश होने की प्रार्थना
जिले के जबेरा ब्लॉक के अमदर पंचायत के बनिया गांव में बारिश न होने की वजह से लोग परेशान हैं. सूखे को देखते हुए पुरानी मान्यता के मुताबिक गांव की छोटी छोटी बच्चियों को पूर्ण नग्न कर उनके कंधों पर मूसल रखा जाता है और इस मूसल में मेंढक को बांधा जाता है. बच्चियां पूरे गांव में घूमती हैं और पीछे पीछे महिलाएं भजन कीर्तन करती जाती हैं. रास्ते मे पड़ने वाले घरों से ये महिलाएं आटा दाल मांगती हैं और जो राशन जमा होता है उस राशन से गाव के मंदिर में भंडारा होता है.
मान्यता है कि ऐसा करने से बारिश होती है. इसी कुप्रथा को एक बार फिर अंजाम दिया गया और बनिया गांव में प्रथा के नाम पर मासूम बच्चियों के साथ ये सलूक भी किया गया.
NCPCR ने दमोह कलेक्टर को भेजा नोटिस
इस मामले में NCPCR ने दमोह कलेक्टर को नोटिस भेज इस मामले में 10 दिन के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. NCPCR ने 2005 की धारा 13(1)(j) के अंतर्गत खुद ही इस मामले में संज्ञान लिया है. NCPCR के द्वारा जारी नोटिस में कलेक्टर से नग्न बच्चियों का आयु प्रमाण पत्र, जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज की मांग की गई है.
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