अगर आप कार्तिक माह यानी 21 अक्टूबर के बाद उज्जैन के महाकाल के दर्शन करने जा रहे हैं तो सुबह आधा घंटे आगे का समय रिजर्व रखें। वहीं शाम को पहुंचने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो आधा घंटे पहले पहुंचें। अन्यथा आप प्रमुख आरतियों से वंचित रह सकते हैं। कार्तिक महीने से महाकाल को भोग के लिए होने वाली आरती को आधा घंटे आगे बढ़ा दिया है। वहीं शाम की संध्या आरती आधा घंटे पहले कर दी गई है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपद से फाल्गुन पूर्णिंमा तक के लिए महाकाल की तीन आरतियों का समय बदला जा रहा है। हिंदू पंचाग का कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपद 21 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है तो फाल्गुन पूर्णिमा 18 मार्च 2022 को होगी। जिन तीन आरतियों के समय में बदलाव हो रहा है, उनमें दद्योदन आरती, भोग आरती और संध्या आरती हैं।
दद्दोदन व भोग आरती आधा घंटे आगे बढ़ी
दद्दोदन आरती का समय सात बजे से पौने आठ बजे तक होती थी जो कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपद से साढे़ सात बजे शुरू होकर सवा आठ बजे तक चलेगी। वहीं भोग आरती जो अभी तक दस बजे शुरू होकर पौने ग्यारह बजे तक चलती थी, वह 21 अक्टूबर से सुबह साढ़े दस बजे शुरू होगी। यह सवा ग्यारह बजे तक चलेगी। मगर संध्या आरती का समय आधा घंटे पहले कर दिया गया है। अभी तक यह आरती शाम सात बजे से पौने आठ बजे तक होती थी लेकिन अब कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपद से साढ़े छह बजे से सवा सात बजे तक होगी।
भस्म और शयन आरती में बदलाव नहीं
वहीं, महाकाल मंदिर की दो प्रमुख आरतियों भस्म और शयन आरती में कोई बदलाव नहीं किया गया है। भस्म आरती हमेशा की तरह अलसुबह चार बजे से सुबह छह बजे तक और शयन आरती रात साढ़े दस बजे से ग्यारह बजे तक होती रहेगी। इसी तरह संध्या पूजन भी शाम पांच बजे से पौने छह बजे तक होगी। वहीं, आरतियों के समय में परिवर्तन को लेकर महाकाल प्रबंधन समिति का कहना है कि इनका समय कैलेंडर के अनुसार ही तय होता है। समिते के सहायक प्रशासक जुनवाल ने बताया कि महाकाल की आरतियों के लिए वार्षिक कैलेंडर में चैत्र कृष्ण प्रतिपद मास से कार्तिक पूर्णिमा तक के लिए आरतियों का समय अलग होता है और इसी तरह कार्तिक कृष्ण प्रतिपद से फाल्गुन प्रतिपद तक का समय भी तय है।
महाकाल की आरतियों का 21 अक्टूबर 2021 से 18 मार्च 2022 तक यह रहेगा समय
1. भस्म आरतीः सुबह चार से सुबह छह बजे।
2. दद्दोदन आरतीः सुबह साढ़े सात बजे से सवा आठ बजे।
3. भोग आरतीः सुबह साढे़ दस बजे से सवा ग्यारह बजे।
4. संध्या आरतीः शाम साढ़े छह बजे से शाम सवा सात बजे।
5. शयन आरतीः रात साढ़े दस बजे से रात ग्यारह बजे।
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