पहला कदम क्रिएटिनिन गुर्दे के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है. इस मरीज में प्रतिरोपण के पहले क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ा हुआ था. मोंटगोमरी को कई सहकर्मियों के साथ मिल कर सर्जरी करने में करीब दो घंटे लग गए. इस टीम ने मरीज की एक टांग के ऊपरी हिस्से में मौजूद धमनियों को गुर्दे से जोड़ा ताकि वो उसका अवलोकन कर सकें और बायॉप्सी के लिए सैंपल ले सकें. मोंटगोमरी ने बताया कि मरीज जब दिमागी रूप से जीवित था तब अंगदान करना चाहता था लेकिन जब उसके परिवार को बताया गया कि उसके अंग दान के लिए योग्य नहीं हैं वो वो शुरू में निराश हो गए थे. लेकिन "जब उन्हें एहसास हुआ कि यह अंगदान का ही एक और अवसर है तो उन्होंने राहत की सांस ली" करीब 54 घंटों तक चले परीक्षण के बाद मरीज को वेंटीलेटर से हटा लिया गया और उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई
इस सवाल को हल करने का एक ही तरीका है और वो है इसका एक जीवित इंसान पर ट्रायल करना. लेकिन मुझे लगता है कि यह एक बेहद आवश्यक दर्मियानी कदम है जो हमें यह बताता है कि कम से कम शुरुआत में तो चीजें ठीक होंगी" वो अगले महीने इन नतीजों को एक वैज्ञानिक पत्रिका में छपने के लिए भेजने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि क्लिनिकल ट्रायल करीब एक या दो सालों में हो सकता है. संस्थान के बाहर विशेषज्ञों ने सावधानीपूर्वक इस खबर का स्वागत किया. उन्होंने यह भी कहा कि वो ठोस नतीजों पर पहुंचने से पहले समकक्ष समीक्षित डाटा देखना चाहेंगे. बरमिंघम विश्वविद्यालय के सर्जन हाईनेक मरगेंटल ने एक बयान में कहा, "यह समाचार जेनोट्रांसप्लांटेशन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि है" उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसकी पुष्टि हो जाती है, तो "यह अंग प्रतिरोपण के क्षेत्र में आगे की तरफ एक प्रमुख कदम होगा जो डोनर अंगों की कमी की समस्या का समाधान कर सकेगा" सीके/एए (एएफपी).
0 Comments